वाममोर्चा के चेयरमैन बिमान बसु का निष्क्रिय सदस्यों को कड़ा संदेश- सड़क पर उतरना होगा और आंदोलन में शामिल होना होगा

वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता बिमान बसु ने पिछले दिनों कहा था कि वह अगले साल पार्टी की किसी भी समिति में शामिल नहीं होंगे। वे अध्यक्ष पद पर नहीं रहेंगे लेकिन पार्टी की सभी गतिविधियों में हिस्सा लेंगे। जब तक मैं जीवित रहूंगा तब तक एक कम्युनिस्ट के रूप में रहूंगा।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 08:49 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 08:49 PM (IST)
वाममोर्चा के चेयरमैन बिमान बसु का निष्क्रिय सदस्यों को कड़ा संदेश- सड़क पर उतरना होगा और आंदोलन में शामिल होना होगा
वाममोर्चा के चेयरमैन का निष्क्रिय सदस्यों को कड़ा संदेश

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : वयोवृद्ध माकपा नेता तथा वाममोर्चा के चेयरमैन बिमान बसु ने इस बार पार्टी के निष्क्रिय सदस्यों को कड़ा संदेश दिया है और कहा है कि उन्हें सड़क पर उतरना होगा और आंदोलन में शामिल होना होगा। माकपा के साप्ताहिक मुखपत्र देश हितैषी के शरद संस्करण में वाममोर्चा के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि निष्क्रिय सदस्यों को पार्टी के साथ रहने की कोई आवश्यकता नहीं है। उनसे रिश्ता तोड़ लेना ही बेहतर है।

बताते चलें कि वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता बिमान बसु ने पिछले दिनों कहा था कि वह अगले साल पार्टी की किसी भी समिति में शामिल नहीं होंगे। वे अध्यक्ष पद पर नहीं रहेंगे लेकिन पार्टी की सभी गतिविधियों में हिस्सा लेंगे। उनका कहना था कि जब तक मैं जीवित रहूंगा तब तक एक कम्युनिस्ट के रूप में रहूंगा। दरअसल, कम्युनिस्ट पार्टी के नए नियमों के अनुसार राज्य समिति के लिए अधिकतम आयु सीमा 72 वर्ष और केंद्रीय समिति के लिए 75 वर्ष की सीमा निर्धारित है। बिमान बसु 81 वर्ष के हैं। नतीजतन, उनका कार्यकाल आयु नियमों के अनुसार समाप्त हो चुका है।

उल्लेखनीय है कि बिमान बहुत छात्र जीवन से ही राजनीति में शामिल हो गए थे। बसु 1959 के खाद्य आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्स लिया था। उसके बाद उन्होंने माकपा पार्टी के सचिव के रूप में कार्यभार संभाला। पिछले 10 वर्ष में राज्य में वामपंथी खेमा कमजोर होता गया है। लेकिन बिमान बसु ने कभी भी पार्टी का साथ नही छोडा। बिमान बसु का योगदान निर्विवाद है।

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