West Bengal Assembly Election 2021: अब्बास सिद्दीकी को गठबंधन में शामिल करने की तैयारी में वाममोर्चा और कांग्रेस
West Bengal Assembly Election 2021 बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले अब्बास सिद्दीकी ने वाम और कांग्रेस नेतृत्व को पत्र लिखकर साफ कर दिया है कि यदि जल्द कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वह अकेले ही चुनाव में उतरेंगे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा व कांग्रेस पहले ही गठबंधन कर चुके हैं और 230 सीटों पर समझौता भी हो चुका है। परंतु, मुस्लिम वोट कहीं बंट न जाए इसके लिए इस गठबंधन में हुगली के फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी को भी शामिल करने की रणनीति बनाई जा रही है और अब्बास भी वाम-कांग्रेस गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को राजी है। परंतु, पेंच सीटों के साथ-साथ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को लेकर भी है। क्योंकि, अब्बास के पीछे ओवैसी खड़ा है और उसी के शह पर पीरजादा ने अपनी इंडियन सेकुलर फ्रंट नाम से पार्टी बनाई है। इस बीच, अब्बास ने वाम-कांग्रेस नेतृत्व को पत्र लिखकर साफ कर दिया है कि यदि जल्द कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वह अकेले ही चुनाव में उतरेंगे। इसके बाद वाममोर्चा चेयरमैन विमान बोस ने अब्बास सिद्दीकी और उनकी पार्टी के अध्यक्ष नौशाद सिद्दीकी को 16 फरवरी को बैठक के लिए बुलाया है। माना जा रहा है कि इस बैठक में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हो सकती है।
अब्बास कांग्रेस के गढ़ रहे मुर्शिदाबाद और मालदा में अधिक सीटें चाहते हैं। क्योंकि, इन दोनों ही जिलों में मुस्लिम आबादी 65 फीसद से अधिक है। परंतु, कांग्रेस नहीं चाहती है कि उनके गढ़ में किसी और को सीट मिले। यही वजह रही है कि वाममोर्चा के साथ भी इन दोनों जिलों में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा है। ऐसे में अब्बास की एंट्री से कांग्रेस परेशान है। दूसरी ओर ओवैसी के साथ जाने से भी परेशानी है। अभी कुछ दिन पहले ही अब्बास ने माकपा कांग्रेस गठबंधन से सीट समझौते पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी और वाममोर्चा के अध्यक्ष बिमान बसु को एक पत्र लिखा था, जिसमें अब्बास गठबंधन के साथ हाथ मिलाने के लिए 40 सीटें मांगी थी। लेकिन वाममोर्चा उन्हें 20 से अधिक सीटें देने को तैयार नहीं है।