नेताजी सुभाष चंद्र बोस की वंशज व पूर्व सांसद कृष्णा बोस का निधन

महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई शरत चंद्र बोस की बहू व पूर्व सांसद कृष्णा बोस का शनिवार को हृदय गति रुकने से निधन हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 03:49 PM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 03:49 PM (IST)
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की वंशज व पूर्व सांसद कृष्णा बोस का निधन
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की वंशज व पूर्व सांसद कृष्णा बोस का निधन

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई शरत चंद्र बोस की बहू व पूर्व सांसद कृष्णा बोस का शनिवार को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। वह 89 वर्ष की थीं। शनिवार सुबह करीब 10.20 बजे कोलकाता के ईएम बाइपास पर स्थित एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके बेटे प्रोफेसर सुमंत बोस ने बताया कि वह पिछले कुछ समय से उम्रजनित बीमारियों से पीड़ित थीं। उन्हें दिलं की बीमारी भी थी। कुछ दिन पहले ही तकलीफ बढ़ने पर दूसरी बार अस्पताल लाया गया था और वह आइसीयू में भर्ती थीं।

निधन के वक्त उनके दोनों पुत्र विख्यात शिक्षाविद् प्रोफेसर सुगत बोस और प्रोफेसर सुमंत बोस मौजूद थे। नेताजी के भतीजे शिशिर कुमार बोस से 9 दिसंबर, 1955 को कृष्णा की शादी हुई थी। वे कोलकाता की जादवपुर लोकसभा सीट से तीन बार 1996, 1998 और 1999 में सांसद चुनी गई थी। इनमें एक बार कांग्रेस और दो बार तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुई थीं। उनके पुत्र सुगत बोस भी तृणमूल सांसद रह चुके हैं। दो बेटे के अलावा बेटी शर्मिला हैं। कृष्णा नेताजी रिसर्च ब्यूरो की अध्यक्ष भी थीं। उन्होंने नेताजी पर कई किताबें भी लिखी हैं। कृष्णा को लेखिका, शिक्षाविद् व नेत्री के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने कलकत्ता विवि से अंग्रेजी साहित्य में एमए की पढ़ाई की और उसके बाद महानगर के एक कॉलेज में करीब 40 वर्षो तक अंग्रेजी साहित्य का अध्यापन किया। उन्होंने सिटी कॉलेज में आठ साल तक प्रधानाचार्य के तौर पर भी काम किया था। उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया है। तृणमूल, भाजपा, कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी शोक जाहिर किया है। कृष्णा का जन्म 26 दिसंबर, 1930 को अविभाजित भारत के ढाका में हुआ था।

अस्पताल से उनके पार्थिव शरीर को पहले शरत बोस रोड स्थित उनके निवास स्थल लाया गया। वहां से पार्थिव शरीर को नेताजी भवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। उनकी अंत्येष्टि केवड़ातल्ला श्मशान घाट में की गई।

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