नासा की 'मंगल 2020 मिशन' टीम में कोलकाता के चिरंजीत मुखोपाध्याय भी, मिली अहम जिम्‍मेदारी

कोलकाता के चिरंजीत मुखोपाध्याय को भी नासा की मंगल 2020 मिशन टीम में शामिल किया गया है। इस मिशन में चिरंजीत को महत्‍वपूर्ण जिम्‍मेदारी मिली है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Sat, 01 Aug 2020 12:39 PM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2020 12:39 PM (IST)
नासा की 'मंगल 2020 मिशन' टीम में कोलकाता के चिरंजीत मुखोपाध्याय भी, मिली अहम जिम्‍मेदारी
नासा की 'मंगल 2020 मिशन' टीम में कोलकाता के चिरंजीत मुखोपाध्याय भी, मिली अहम जिम्‍मेदारी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। इसरो का चंद्रयान अभियान भले सफल न हो पाया हो लेकिन अंतरिक्ष को खंगालने की भारतीयों की कोशिशें कम नहीं हुई हैं बल्कि और बढ़ गई हैं। यही वजह है कि दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियों में किसी और देश का नागरिक हो न हो, भारतीय जरूर शामिल हैं। कोलकाता के चिरंजीत मुखोपाध्याय इन्हीं में से एक हैं, जो नासा की 'मंगल 2020 मिशन' टीम के अहम सदस्य हैं। 

 नासा के अंतरिक्ष यान ने गत वीरवार को मंगल ग्रह के लिए उड़ान भरी है और अगले साल लाल ग्रह पर उतरेगा। इस महत्वाकांक्षी मिशन में चिरंजीत को बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली हुई है। चिरंजीत नासा में बायोइंफॉर्मेटिक्स डाटा एनालिस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं। अंतरिक्ष यान जैसे ही मंगल ग्रह पर उतरकर जानकारियां भेजना शुरु करेगा, चिरंजीत उन जानकारियों को संग्रह कर उनका गहराई से विश्लेषण करेंगे। मंगल ग्रह में जीवन है या नहीं। वहां जीवन बसने की कोई उम्मीद है या नहीं, इन सारी चीजों का विश्लेषण करने की अहम जिम्मेदारी चिरंजीत के ही कंधों पर है।

चिरंजीत ने 2010 में हेरिटेज इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन एवं पीएचडी की। नासा के अंतरिक्ष यान ने भारतीय समयानुसार गत वीरवार को शाम पांच बजे के आसपास मंगल ग्रह के लिए उड़ान भरी थी और सात महीने बाद 18 फरवरी को मंगल ग्रह पर लैंड करेगा।

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