आज से तोड़ा जाएगा कोलकाता का पोस्ता फ्लाईओवर, 2016 में टूट गया था, 27 लोगों की गई थी जानें
31 मार्च 2016 को विवेकानंद फ्लाईओवर का 60 मीटर लंबा और 24 मीटर चौड़ा हिस्सा भारी ट्रैफिक के बीच गुजर रहे बसों गाड़ियों और पैदल यात्रियों पर 30 फीट नीचे जमीन पर आ गिरा था। इस वजह से 27 लोगों की जान चली गई थी जबकि कई घायल हुए थे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता के पोस्ता के विवेकानंद फ्लाईओवर को तोड़ने का काम 15 जून से चालू होगा। सूत्रों के अनुसार फ्लाईओवर को तोड़ने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पिछले दिनों एमडीए की ओर से स्ट्रैंड रोड पर अस्थायी कार्यालय खोलने के लिए कंटनेर रखा गया है। इसके अलावा श्रमिकों के रहने के लिए अस्थायी घर बनाने का काम भी चालू हो गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार पहले चरण में स्ट्रैंड रोड के ऊपर बने विवेकानंद फ्लाईओवर के हिस्से को तोड़ा जाएगा। इस हिस्से को 45 दिनों में तोड़ा जाएगा। पहले चरण का काम 15 जून से चालू होकर 31 जुलाई तक चलेगा।
बड़े ट्रकों को दूसरे रास्ते लाया जाएगा पोस्ता
ट्रैफिक पुलिस सूत्रों के अनुसार पोस्ता फ्लाईओवर तोड़ने का काम चालू होते ही ट्रकों को सीआर एवेन्यू, विधान सरणी, निमतल्ला घाट स्ट्रीट, स्ट्रैंड बैंक रोड होकर केके टैगौर स्ट्रीट लाया जाएगा। वहीं छोटे वाहनों को मीर बहार घाट स्ट्रीट, एमडी रोड होकर केके टैगौर स्ट्रीट की तरफ ले जाया गया जाएगा। वहीं स्ट्रैंड रोड से होकर गुजरने वाले बस व मिनी बसों को महात्मा गांधी रोड व सीआर एवेन्यू के रास्ते चलाया जाएगा। इसके अलावा अन्य वाहनों को जरूरत के हिसाब से डायवर्ट किया जाएगा।
2016 को अचानक टूट कर गिर गया था
गौरतलब है कि 31 मार्च 2016 को विवेकानंद फ्लाईओवर का 60 मीटर लंबा और 24 मीटर चौड़ा हिस्सा सुबह के समय भारी ट्रैफिक के बीच नीचे से गुजर रहे बसों, गाड़ियों और पैदल यात्रियों पर 30 फीट नीचे जमीन पर आ गिरा था। इस वजह से 27 लोगों की जान चली गई थी जबकि कई लोग घायल हुए थे। प्राथमिक जांच में पता चला कि जोड़ासांको की विधायक स्मिता बक्सी के करीबी रिश्तेदार फ्लाईओवर निर्माण के लिए मैटेरियल सप्लाई करते थे। उन्होंने खराब गुणवत्ता वाला मैटेरियल सप्लाई किया था जिसकी वजह से फ्लाइओवर टूटकर गिर गया था।
चार चरणों में तोड़ा जाएगा फ्लाईओवर
फ्लाईओवर को गिराने का काम चार चरणों में शुरू होगा। पहले चरण में फ्लाईओवर का एक हिस्सा 45 दिनों में गिराया जाएगा।गौरतलब है कि इस फ्लाईओवर के भविष्य को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। जो यह तय करेगी कि फ्लाईओवर के ध्वस्त होने के बाद उनका भविष्य क्या होगा। सबसे पहले खड़गपुर आईआईटी के विशेषज्ञों ने फ्लाईओवर की सेहत की जांच की थी। लेकिन चूंकि उनकी रिपोर्ट अस्पष्ट थी, इसलिए सरकार ने प्रख्यात पुल विशेषज्ञ वीके रैना को जिम्मेदारी दी थी। उन्होंने गहन विश्लेषण के बाद सुझाव दिया कि निर्माणाधीन फ्लाईओवर को तोड़ा जाए। राज्य सरकार उस राय को महत्व देने जा रही है। फ्लाईओवर को तोड़ने की जिम्मेदारी रेलवे की अनुषंगी कंपनी राइट्स को दी गई है।