कोलकाता की दुकानों में विटामिन की गोलियों की भारी किल्लत, बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने जारी की निर्देशिका

महानगर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच सिर्फ ऑक्सीजन की ही नहीं बल्कि विटामिन की गोलियों की भी भारी किल्लत होती जा रही है। दवा दुकानों में विटामिन सी जिंक और मल्टी विटामिंस की गोलियां आसानी से नहीं मिल पा रही हैं।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 03:37 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 03:37 PM (IST)
कोलकाता की दुकानों में विटामिन की गोलियों की भारी किल्लत, बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने जारी की निर्देशिका
बहुत से लोगों ने कोरोना के डर से अपने घर में विटामिन की गोलियों का स्टॉक कर रखा है

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : महानगर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच सिर्फ ऑक्सीजन की ही नहीं बल्कि विटामिन की गोलियों की भी भारी किल्लत होती जा रही है। दवा दुकानों में विटामिन सी, जिंक और मल्टी विटामिंस की गोलियां आसानी से नहीं मिल पा रही हैं। इसकी वजह यह है कि बहुत से लोगों ने कोरोना के डर से  अपने घर में विटामिन की गोलियों का स्टॉक कर रखा हुआ है। कोरोना संक्रमितों को डॉक्टर विटामिन की गोलियां खाने की सलाह देते हैं ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और वे कोरोना को जल्दी मात दे सके।

खून में जिंक की कमी होने पर कोरोना का संक्रमण गंभीर रूप धारण कर सकता है। इसी को देखते हुए बहुत से लोगों ने अपने घरों में विटामिन की दवाइयों का स्टॉक कर रखा है, जिसके कारण उन लोगों को विटामिन की गोलियां आसानी से नहीं मिल पा रही है, जो सही मायने में जरूरतमंद है। इस स्थिति को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने निर्देशिका जारी की है, जिसके मुताबिक अब दवा की पर्ची दिखाने पर ही विटामिन की गोलियां दी जा सकेगी। गिरीश पार्क इलाके के एक दवा विक्रेता ने बताया-'लोग विटामिन की गोलियों का पूरा पैकेट खरीदकर ले जा रहे हैं। हम किसी को मना नहीं कर सकते। कोरोना के कारण इस समय दवाओं की आपूर्ति पहले के मुकाबले कम है। निर्देशिका जारी होने के बाद अब हम पर्ची देखकर ही विटामिन की गोलियां देंगे।'

सिर्फ विटामिन की गोलियां ही नहीं, सरकार ने बिना पर्ची के सांस संबंधी बीमारियों की दवाओं की बिक्री पर भी रोक लगा दी है। चिकित्सकों ने राज्य सरकार की इस पहल का स्वागत किया है।उनका कहना है कि यह कदम  बेहद जरूरी था। कोरोना से भयभीत होने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। बेवजह जरूरत से ज्यादा दवाइयों का संग्रह करने से जरूरतमंदों के लिए दवाइयों का अभाव हो सकता है।

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