डॉक्टर ने कोलकाता से गाजियाबाद में कोरोना संक्रमित युवती की जान बचाई, वाट्सएप ने निभाया अहम रोल

कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित गाजियाबाद में एक युवती को कोलकाता के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर ने वाट्सएप पर दवाएं प्रिसक्राइब कर जान बचाई है। युवती को गाजियाबाद के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था जहां उनकी हालत काफी गंभीर हो गई थी

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:36 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:36 PM (IST)
डॉक्टर ने कोलकाता से गाजियाबाद में कोरोना संक्रमित युवती की जान बचाई, वाट्सएप ने निभाया अहम रोल
गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती थीं पीड़िता, पति ने डॉक्टर से किया संपर्क

इंद्रजीत सिंह, कोलकाता : कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित गाजियाबाद में एक युवती को कोलकाता के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर ने वाट्सएप पर दवाएं प्रिसक्राइब कर जान बचाई है। युवती को गाजियाबाद के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था जहां उनकी हालत काफी गंभीर हो गई थी। हालत बिगड़ने पर युवती के पति ने देर रात कोलकाता में अपने परिचित डॉक्टर को फोन किया और पूरी स्थिति बताई। इसके बाद डॉक्टर ने वहीं से दवाएं प्रिसक्राइब कर उनकी जान बचाई। अभी युवती पूरी तरह स्वस्थ हैं। 

हरियाणा के गुड़गांव के सेक्टर 104 की रहने वाली इति विनीत गत 16 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित हो गई थीं। स्थिति गंभीर होने पर वहां के स्थानीय डॉक्टर ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने को कहा। इसके बाद इति ने गाजियाबाद में रहने वाली अपनी दीदी से संपर्क किया जिन्होंने उन्हें यहां के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती होने का सुझाव दिया। इसके बाद  21 अप्रैल को  इति को गाजियाबाद के एक सरकारी अस्पताल में  भर्ती कराया गया। उसी दिन उनकी हालत और बिगड़ गई।

ऑक्सीजन देने के बावजूद भी इसका स्तर 88 से ऊपर नहीं जा रहा था। इति ने फोन पर बताया कि सरकारी अस्पताल में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं थी जिसके कारण वह काफी डर गई थीं। इसके बाद उनके पति अंकुर शर्मा ने कोलकाता में अपने परिचित डॉक्टर शुभ्रज्योति भौमिक से संपर्क किया  तथा अपनी पत्नी से भी बात कराई। डॉक्टर भौमिक ने बताया कि जब उन्होंने इति से बात की तो वह काफी डरी-सहमी थीं और बार-बार कह रही थीं कि उनके आसपास के लोग मर रहे हैं तथा वह जीना चाहती हैं।

इसके बाद डॉक्टर भौमिक में  सबसे पहले इति को हिम्मत दी और कहा कि उन्हें कुछ नहीं होगा। वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगी। डॉ भौमिक ने कोलकाता से ही वाट्सएप पर इंजेक्शन व दवाएं (डेक्सामेथासोन) प्रिसक्राइब कीं। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने भी कोई आपत्ति नहीं जताई तथा उन्होंने इंजेक्शन व दवा की इजाजत दे दी। डॉ भौमिक शुरुआत में हर चार घंटे के अंतर इति का हाल जान रहे थे। दवा लेने के बाद इति की हालत में सुधार होने लगा तथा उनके ऑक्सीजन का स्तर भी बढ़ गया। बुखार भी कम होने लगा। 29 अप्रैल को इति को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वहां से लौटने के बाद वह सीधे गुड़गांव गईं और उसके बाद अपना मायका देहरादून चली गईं। इति ने बताया कि वह अभी स्वस्थ हैं तथा इसके लिए उन्होंने डॉक्टर भौमिक को ढेर सारी बधाइयां दी हैं। इति ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि इस बीमारी में मनोबल बढ़ाने की भी काफी जरूरत है। 

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