जानें कौन हैं अरुण अरोरा, जो पूर्व रेलवे के नए महाप्रबंधक नियुक्‍त, किन अहम कार्यों में योगदान, मनोज जोशी का लेंगे स्थान

अरुण अरोरा पूर्व रेलवे के नए महाप्रबंधक (जीएम) नियुक्त किए गए हैं जिसका मुख्यालय कोलकाता में ही है। वह मनोज जोशी का लेंगे स्थान जिनके पास मेट्रो रेलवे कोलकाता के अलावा पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक का भी अतिरिक्त प्रभार था।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 05:47 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 05:47 PM (IST)
जानें कौन हैं अरुण अरोरा, जो पूर्व रेलवे के नए महाप्रबंधक नियुक्‍त, किन अहम कार्यों में योगदान, मनोज जोशी का लेंगे स्थान
अरुण अरोरा पूर्व रेलवे के नए महाप्रबंधक (जीएम) नियुक्त किए गए हैं

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : अरुण अरोरा पूर्व रेलवे के नए महाप्रबंधक (जीएम) नियुक्त किए गए हैं, जिसका मुख्यालय कोलकाता में ही है। वह मनोज जोशी का लेंगे स्थान जिनके पास मेट्रो रेलवे, कोलकाता के अलावा पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक का भी अतिरिक्त प्रभार था। शनिवार को एक बयान में बताया गया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक के रूप में अरोरा की नियुक्ति को मंजूरी दी है।

अरोरा इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग (आइआरएसएमइ) के 1984 बैच के टॉपर रहे हैं। इस नियुक्ति से पहले, वह अक्टूबर 2020 से अपर सदस्य (एएम)/ रेलवे बोर्ड के रूप में तैनात थे और एएम/ पर्यावरण और एएम/ मैकेनिकल इंजीनियरिंग का महत्वपूर्ण कार्य प्रभार संभाल रहे थे। रेलवे में 35 वर्षों से अधिक के अपने करियर के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण और चुनौतियों से भरे कार्यों को सफलतापूर्वक संभाला है, जिसमें प्रधान मुख्य यांत्रिक इंजीनियर / उत्तर रेलवे जो भारतीय रेलवे का सबसे बड़ा क्षेत्र और मंडल रेल प्रबंधक / दिल्ली जो भारतीय रेलवे का सबसे बड़ा मंडल, इनमें शामिल हैं।

इसके अलावा कुछ अन्य विविध प्रमुख कार्यों में मुख्य रोलिंग स्टॉक इंजीनियर/ संचालन और परिवहन/ उत्तर रेलवे, सीवीओ/ डीएफसीसीआइएल, निदेशक मैकेनिकल इंजीनियरिंग/ फ्रेट / रेलवे बोर्ड, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी / उत्तर रेलवे और इस्पात और खदान मंत्रालय में उप सचिव शामिल हैं।

आइआइटी दिल्ली के रहे हैं पूर्व छात्र

अरोरा प्रमुख संस्थानों- आइआइटी दिल्ली, एससीआरए और क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं। उन्होंने मैकेनिकल और प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है और क्वींसलैंड विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया से एमबीए किया है। रेलवे के कामकाज में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें दो बार राष्ट्रीय रेलवे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जो एक दुर्लभ सम्मान है क्योंकि आमतौर पर यह किसी भी रेलवे कर्मचारी के पूरे करियर के दौरान केवल एक बार दिया जाता है।

कई महत्वपूर्ण कार्यों को दिया अंजाम

उन्होंने 2016 के दौरान दिल्ली और आगरा के बीच भारत की सबसे तेज पारंपरिक ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस (अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे) के शुभारंभ में मंडल रेल प्रबंधक/दिल्ली के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने फरवरी 2019 में नई दिल्ली और वाराणसी के बीच पहले वंदे भारत एक्सप्रेस में और अक्टूबर 2019 में नई दिल्ली और कटरा के बीच दूसरे वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत में प्रधान मुख्य यांत्रिक इंजीनियर/ उत्तर रेलवे के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने भारत के पहले दो हाई स्पीड 160 किमी प्रति घंटे फिट फास्टेस्ट ट्रेन सेट की शुरुआत के साथ उच्च गति यात्रा के एक नए दौर की भी शुरुआत की। वह रेलवे बोर्ड में निदेशक मैकेनिकल इंजीनियरिंग/फ्रेट के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान शुरू किए गए हाई एक्सल लोड और हाई स्पीड वैगन डिजाइनों का लाभ उठाकर 2005 के दौरान भारतीय रेलवे द्वारा शुरू किए गए मिशन 800 एमटी के साथ निकटता से जुड़े थे। उन्होंने भारतीय रेलवे की आपदा प्रबंधन क्षमता को मजबूत करने के लिए कार्य-योजना तैयार करने में 2002-2003 में सरकार द्वारा गठित आपदा प्रबंधन पर उच्च स्तरीय समिति की सहायता की, जिसे सफलतापूर्वक लागू किया गया है।

आइसोलेशन कोच डिजाइन को अंतिम रूप देने में भी निभाई भूमिका

पिछले साल 2020 में कोविड महामारी के संक्रमण के दौरान, प्रधान मुख्य यांत्रिक अभियंता / उत्तर रेलवे के रूप में उन्होंने आइसोलेशन कोच डिजाइन को अंतिम रूप देने और उसके बाद पारंपरिक कोचों को आइसोलेशन कोच में रूपांतर करने की चुनौती का भी नेतृत्व किया। डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और रेलवे फ्रंटलाइन स्टाफ के लिए पीपीई किट की अत्यधिक कमी को दूर करने के लिए, उनके नेतृत्व में उत्तर रेलवे के कारखाने ने पीपीई किट के निर्माण के लिए डिजाइन और प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया और डीआरडीओ की मंजूरी प्राप्त की। लॉकडाउन के दौरान उत्तर रेलवे कार्यशालाओं ने लाखों पीपीई किटों का निर्माण किया। पूरे भारतीय रेलवे में उत्तर रेलवे द्वारा की गई डिजाइन और निर्माण प्रक्रिया का पालन किया गया।

विश्व में विकसित रेलवे सिस्टम का भी व्यापक अनुभव है

उनका विश्व में विकसित रेलवे सिस्टम - जर्मनी डीबी रेलवे, एसएनसीएफ फ्रेंच रेलवे, इटली की रेलवे और संयुक्त राष्ट्र की रेल रोड्स का भी व्यापक अनुभव है। उन्हें बोकोनी बिजनेस स्कूल, इटली और कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के टेपर बिजनेस स्कूल में वरिष्ठ प्रबंधन नेतृत्व कार्यक्रमों के लिए भी प्रतिनियुक्त किया गया था।उन्हें लगभग पांच वर्षों तक सभी ग्रुप 'ए' रेलवे अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले फेडरेशन ऑफ रेलवे ऑफिसर्स एसोसिएशन के सबसे कम उम्र के महासचिव होने का गौरव भी प्राप्त है।

स्क्वैश, बैडमिंटन, टेनिस, बिलियर्ड्स और स्नूकर के बेहतरीन खिलाड़ी भी हैं, कई पुरस्कार जीत चुके

उन्होंने कॉलेज के दौरान और बाद में रेलवे सेवा के दौरान लगभग रैकेट से खेले जाने वाले सभी खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और रेलवे और राज्य स्तर पर विभिन्न चैंपियनशिप-स्क्वैश, बैडमिंटन, टेनिस, बिलियर्ड्स और स्नूकर में कई पुरस्कार जीते। वह अपने बैच के टॉपर के रूप में प्रतिष्ठित संस्था एससीआरए से पास होने के दौरान रोल ऑफ ऑनर के प्राप्तकर्ता थे। इसके अलावा उन्हें सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंडर और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में प्रतिष्ठित पी.एन.कौल और वी.के.जॉली शील्ड्स भी प्राप्त हुआ।

उनकी पहचान भारतीय रेलवे में एक एकाग्र चित्त प्रशासक के रूप में है, जिन्होने अपने शब्दों को सफलतापूर्वक कार्य में रूपांतर करने में दक्षता हासिल की है। इसी सब को देखते हुए अब उन्हें भारतीय रेलवे के एक प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक क्षेत्रीय रेलवे पूर्व रेलवे का नेतृत्व करने के लिए चयन किया गया है।

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