चिकित्सा में लापरवाही, न्याय की आस में खुद न्यायाधीश, एक साल से स्वास्थ्य आयोग लगा रहे हैं चक्कर

पिछले साल जून में कोलकाता के न्यायाधीश राजीव सिंह के पिता राजनारायण सिंह की मूत्र नाली में संक्रमन हुआ था। कोविड के कारण कोलकाता के अस्पतालों में जगह नहीं होने के कारण वह अपने छोटे बेटे राजीव सिंह के पास गए। तब राजीव सिंह आसनसोल कोर्ट में कार्यरत थे।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 05:57 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 05:57 PM (IST)
चिकित्सा में लापरवाही, न्याय की आस में खुद न्यायाधीश, एक साल से स्वास्थ्य आयोग लगा रहे हैं चक्कर
न्यायाधीश ही न्याय की आस में चक्कर लगाए तो मसला काफी गंभीर

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : आम लोगों के लिए न्याय के लिए लंबा इंतजार करना आम बात है लेकिन जब एक न्यायाधीश ही न्याय की आस में चक्कर लगाए तो मसला काफी गंभीर हो जाता है। कोलकाता के एक न्यायाधीश चिकित्सकीय लापरवाही के कारण अपने पिता की मौत को लेकर न्याय की मांग को लेकर एक साल से अधिक समय से स्वास्थ्य आयोग का चक्कर लगा रहे हैं।

पिछले साल जून में कोलकाता के रहने वाले न्यायाधीश राजीव सिंह के पिता राजनारायण सिंह की मूत्र नाली में संक्रमन हुआ था। कोविड के कारण कोलकाता के अस्पतालों में जगह नहीं होने के कारण वह अपने छोटे बेटे राजीव सिंह के पास गए। तब राजीव सिंह आसनसोल कोर्ट में कार्यरत थे। अब हुगली कोर्ट में कार्यरत हैं। राजनारायण सिंह को 29 जून को दुर्गापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 21 जुलाई को उनका निधन हो गया। राजीव सिंह ने शिकायत की कि अस्पताल के अधिकारियों ने उनके पिता की कोविड जांच नहीं की। समुचित इलाज नहीं किया।

चिकित्सा दस्तावेज अधूरे थे और विभिन्न विसंगतियां थीं। अपने पिता की मौत में चिकित्सकीय लापरवाही के आरोपों को लेकर राजीव सिंह ने पिछले साल नवंबर में राज्य स्वास्थ्य आयोग का दरवाजा खटखटाया था। उनका आरोप है कि संबंधित अस्पताल बिना किसी पूर्व सूचना के सुनवाई में गैरहाजिर रह रहा है और उसने स्वास्थ्य आयोग के निर्देश के बाद भी सभी दस्तावेज जमा नहीं किए हैं। लेकिन स्वास्थ्य आयोग ने अभी तक अस्पताल के व्यवहार के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। राजीव सिंह का आरोप है कि इस मामले में संबंधित अस्पताल का रवैया शुरू से ही ढुलमुल रहा है। हालांकि आयोग के सूत्रों ने दावा किया कि वे सुनवाई में तेजी लाने की कोशिश कर रहे हैं।

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