जेएमबी आतंकियों के मोबाइल फोन तालाब से बरामद, सबूत मिटाने के लिए मोबाइल फोन तालाब में फेंक दिए थे

कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के गोताखोरों ने तालाब में गोता लगाकर पिछले दिनों कोलकाता के हरिदेवपुर से गिरफ्तार किए गए जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकियों के मोबाइल फोन बरामद किए हैं। सबूत मिटाने के लिए मोबाइल फोन तालाब में फेंक दिए थे

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 10:37 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 10:37 PM (IST)
जेएमबी आतंकियों के मोबाइल फोन तालाब से बरामद, सबूत मिटाने के लिए मोबाइल फोन तालाब में फेंक दिए थे
जेएमबी आतंकियों के मोबाइल फोन तालाब से बरामद

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के गोताखोरों ने तालाब में गोता लगाकर पिछले दिनों कोलकाता के हरिदेवपुर से गिरफ्तार किए गए जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकियों के मोबाइल फोन बरामद किए हैं। शुक्रवार दोपहर गिरफ्तार एक संदिग्ध आतंकवादी को लेकर पुलिस अधिकारी मौके पर गए। इलाके में तीनों आतंकी किराए पर मकान लेकर रहते थे।

गोताखोरों ने आतंकियों के घर से सटे तालाब में उतरने के बाद करीब 40 मिनट तक तलाशी अभियान चलाया।एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक तलाशी अभियान के दौरान एक मोबाइल फोन बरामद किया गया। इसे जांच के लिए फोरेंसिक लैब में भेजा गया है। पता चला है कि जेएमबी आतंकी नजीउर रहमान ने सबूत मिटाने के लिए मोबाइल फोन को तालाब में फेंक दिया था।

गौरतलब है कि हाल में एसटीएफ ने जेएमबी के तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आतंकियों के नाम नजीउर रहमान उर्फ जयराम, शेख शब्बीर उर्फ निखिल कांत और व रबीउल इस्लाम उर्फ रिजाउल है। ये तीनों मच्छरदानी व फल बेचा करते थे। पिछले दो माह से कोलकाता में रह रहे थे।

एसटीएफ को पता चला है कि ये तीनों जेएमबी के लिए फंड और भर्ती का कार्य कर रहे थे। नजीउर बांग्लादेश के जेल में कुछ समय बंद था। इन लोगों के पास से एक डायरी और जिहादी समाग्री व मोबाइल फोन मिले हैं। डायरी में कई जेएमबी कमांडरों के नाम व नंबर है।स्पेशल टास्क फोर्स के मुताबिक ये तीनों जेएमबी के नए माड्यूल से जुड़े हो सकते हैं और ये स्लीपर सेल के सदस्य हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि वे कोलकाता क्यों आए और यहां कैसे पहुंचे। और कितने लोग महानगर में जेएमबी स्लीपर सेल के रूप में सक्रिय हैं। इन लोगों को यहां कौन मदद कर रहा है।

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