West Bengal: जवाहर सरकार बोले, पीएम मोदी के एकनायकत्व व सांप्रदायिकता के खिलाफ जारी रखूंगा लड़ाई

West Bengal तृणमूल ने पूर्व नौकरशाह जवाहर सरकार के नाम की घोषणा कर सबको चौंका दिया है। जवाहर मोदी सरकार के आलोचक माने जाते हैं। इसी को देखते हुए मोदी सरकार व भाजपा की धुर विरोधी ममता ने राज्यसभा के लिए उन्हें नामित कर बड़ा दांव चला है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 05:40 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 05:40 PM (IST)
West Bengal: जवाहर सरकार बोले, पीएम मोदी के एकनायकत्व व सांप्रदायिकता के खिलाफ जारी रखूंगा लड़ाई
पीएम मोदी के एकनायकत्व व सांप्रदायिकता के खिलाफ जारी रखूंगा लड़ाईः जवाहर सरकार। फाइल फोटो

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में राज्यसभा की एक सीट पर नौ अगस्त को होने वाले उपचुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार बनाए गए प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एकनायकत्व व सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि बंगाल विधानसभा में तृणमूल के अलावा सिर्फ दो ही दलों के विधायक हैं भाजपा व आइएसएफ। मुझे नहीं लगता कि वे दोनों पार्टियां मुझे पसंद करती हैं। मैंने अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले ही प्रसार भारती के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सांप्रदायिकता, एकनायकत्व व देशव्यापी आर्थिक व्यवस्था को स्वीकार नहीं कर पाया था। मैं नामांकन को इसलिए स्वीकार कर रहा हूं, क्योंकि इसके जरिए में मानवाधिकार उल्लंघन व सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ पाऊंगा।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले दिनेश त्रिवेदी के त्यागपत्र के बाद बंगाल से राज्यसभा की यह सीट खाली हुई थी। अटकलें थीं कि मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी इस सीट से वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को राज्यसभा में भेज सकती हैं, जो चुनाव से पहले पार्टी में शामिल हुए थे। सिन्हा के अलावा मुकुल राय के नाम की भी चर्चा थी, लेकिन तृणमूल ने पूर्व नौकरशाह जवाहर सरकार के नाम की घोषणा कर सबको चौंका दिया है। जवाहर सरकार मोदी सरकार के आलोचक माने जाते हैं। माना जा रहा है कि इसी को देखते हुए मोदी सरकार व भाजपा की धुर विरोधी ममता ने राज्यसभा के लिए उन्हें नामित कर बड़ा दांव चला है। जवाहर सरकार ने लगभग 42 वर्ष सार्वजनिक सेवा में बिताए और प्रसार भारती के सीईओ भी रहे। आंकड़ों के हिसाब से जवाहर सरकार का राज्यसभा में जाना तय माना जा रहा है, क्योंकि यह सीट तृणमूल के ही पास थी, हालांकि भाजपा भी अपना उम्मीदवार उतारेगी, जिसकी घोषणा वह पहले ही कर चुकी है। यदि चुनाव की भी नौबत आती है तो माना जा रहा है कि जवाहर सरकार आसानी से जीत जाएंगे। 

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