मुख्यमंत्री कार्यालय की 14वीं मंजिल पर हुए अग्निकांड की जांच रिपोर्ट सामने आई, पीडब्ल्यूडी की लापरवाही आई सामने

राज्य सचिवालय (नवान्न) की 14वीं मंजिल पर दुर्गापूजा के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय में हुए अग्निकांड की जांच रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें अग्निकांड के लिए लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदार ठहराया गया है। लोक निर्माण विभाग(पीडब्ल्यूडी) की लापरवाही से नवान्न की 14वीं मंजिल पर आग लगी थी।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 08:24 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 11:23 PM (IST)
मुख्यमंत्री कार्यालय की 14वीं मंजिल पर हुए अग्निकांड की जांच रिपोर्ट सामने आई, पीडब्ल्यूडी की लापरवाही आई सामने
मुख्यमंत्री सचिवालय जैसे अहम स्थान पर यूं ही बेकार कियोस्क क्यों पड़ा रहा, उठे सवाल

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः राज्य सचिवालय (नवान्न) की 14वीं मंजिल पर दुर्गापूजा के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय में हुए अग्निकांड की जांच रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें अग्निकांड के लिए लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदार ठहराया गया है। लोक निर्माण विभाग(पीडब्ल्यूडी) की लापरवाही से नवान्न की 14वीं मंजिल पर आग लगी थी। जांच रिपोर्ट के मुताबिक नवान्न की 14वीं मंजिल पर आग एक निजी टेलीफोन कंपनी के बेकार पड़े कियोस्क में लगी थी। सवाल यह है कि इस महत्वपूर्ण स्थान पर एक बेकार कियोस्क क्यों यूं ही पड़ा था?

बंगाल के प्रशासनिक मुख्यालय हावड़ा में दुर्गापूजा के दौरान महासप्तमी के दिन 13 अक्टूबर को सुबह चौदहवीं मंजिल पर आग लग गई थी, हालांकि आग ज्यादा दूर तक नहीं फैली। कर्मचारियों ने कुछ ही देर में अग्निशमन यंत्र से आग पर काबू पा लिया था। नवान्न में तैनात फायर बिग्रेड दल भी मौके पर तुरंत पहुंच गया था। लेकिन सवाल यह उठा था कि चौदहवीं मंजिल पर आग कैसे लगी? मुख्य सचिव ने मामले की जांच के निर्देश दिए थे। क्योंकि इसी मंजिल पर मुख्यमंत्री बैठती हैं और उनका कार्यालय भी है।

इसी की वजह के तुरंत जांच शुरू हो गई। जिसकी रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि पीडब्ल्यूडी की लापरवाही की वजह से यह घटना हुई थी। जांच में सामने आया है कि उस दिन मौके पर तारकोल लाइनिंग पर टाइल्स बिछाई जा रही थी। इस काम में तारकोल को पिघलाने के लिए उच्च तापमान वाले बर्नर का इस्तेमाल किया जा रहा था, असावधानी की वजह से तभी कियोस्क में आग लग गई।

कियोस्क के अंदर बिजली के तार, पुर्जों के अलावा दो एसी मशी लगी थी, लेकिन वह बेकार पड़ा था। रिपोर्ट में सवाल उठया गया है कि अप्रयुक्त कियोस्क दिन-ब-दिन महत्वपूर्ण स्थान पर क्यों यूं ही बेकार पड़ा रहा? किसी ने इसे हटाने या सुधारने की पहल क्यों नहीं की? अब लोक निर्माण विभाग को इसका जवाब देना होगा।

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