भारतीय नौसेना में शामिल हुआ अत्याधुनिक हथियार प्रणाली और सेंसर से लैस स्वदेशी लड़ाकू पोत आइएनएस कवरत्ती
बढेगी ताकत - जीआरएसइ कोलकाता ने इस पोत का किया है निर्माण। इस युद्ध पोत में 90 फीसद तक स्वदेशी सामान का हुआ है इस्तेमाल और इसके सुपरस्ट्रक्चर के लिए कार्बन कंपोजिट का उपयोग किया गया है। भारतीय जहाज निर्माण में यह सराहनीय उपलब्धि है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने गुरुवार को विशाखापत्तनम में नौसेना डॉकयार्ड में लड़ाकू पोत आइएनएस कवरत्ती को भारतीय नौसेना में शामिल किया। स्वदेश निर्मित पनडुब्बी रोधी प्रणाली से लैस आइएनएस कवरत्ती प्रोजेक्ट 28 (कमोर्टा क्लास) के तहत चार जहाजों में से आखरी है और इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के संगठन डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन ने तैयार किया है।
वहीं, इस युद्धपोत को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसइ) ने बनाया है। इस पोत के निर्माण में 90 फीसद देसी उपकरण लगे हैं और इसके सुपरस्ट्रक्चर के लिए कार्बन कंपोजिट का उपयोग किया गया है। भारतीय जहाज निर्माण में यह सराहनीय उपलब्धि है। सभी प्रणाली लगाए जाने और समुद्र में परीक्षण के बाद लड़ाकू भूमिका में तैयारी के साथ इसे नौसेना में शामिल किया गया है।
आइएनएस कवरत्ती अत्याधुनिक हथियार प्रणाली से लैस है और इसमें ऐसे सेंसर लगे हैं जो पनडुब्बियों का पता लगाने और उनका पीछा करने में सक्षम है। पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमता से लैस होने के साथ इस जहाज को लंबी तैनाती पर भेजा जा सकता है। इसमें ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है कि यह दुश्मनों की नजर से बच कर निकल सकता है। नौसेना के मुताबिक, कवरत्ती के शामिल होने से उसकी क्षमता में इजाफा होगा।
कवरत्ती की लंबाई 109 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है। इसमें 4 डीजल इंजन हैं। इसका वजन 3250 टन है। इसका नाम लक्षद्वीप की राजधानी कवरत्ती के नाम पर रखा गया है। नौसेना में इसे शामिल किए जाने के मौके पर पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ अतुल कुमार जैन, जीआरएसइ के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एडमिरल (सेवानिवृत्त) वीके सक्सेना और अन्य अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद थे।