कोरोना संकट में श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट के सेंटेनरी अस्पताल में ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की तत्काल स्थापना की पहल
ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की स्थापना के बाद अब यहां ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होगी। सेंटेनरी अस्पताल में एक दिन में लगभग 10 जंबो आक्सीजन सिलेंडरों का उपयोग करते थे और अब यह एक दिन में लगभग 80 हो गई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। वर्तमान में कोविड-19 महामारी के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर अस्पतालों में ऑक्सीजन की आवश्यकता बहुत बढ़ गई है। इसी क्रम में कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट (पूर्ववर्ती कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट) के सेंटेनरी अस्पताल में ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की युद्ध स्तर पर तत्काल स्थापना की पहल की गई है।पोर्ट प्रबंधन ने संबंधित कंपनी को इस बाबत अपने अस्पताल में तत्काल ऑक्सीजन टैंक स्थापित करने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों का कहना है कि ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की स्थापना के बाद अब यहां ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होगी। पोर्ट की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पहले सेंटेनरी अस्पताल में एक दिन में लगभग 10 जंबो आक्सीजन सिलेंडरों का उपयोग करते थे और अब यह एक दिन में लगभग 80 हो गई है। अतएव सिलेंडरों का दैनिक आधार पर रिफिल किया जाना आवश्यक है और इस समय आपूर्ति सीमित होने पर मुश्किल का सामना करना पड़ सकता था।
इस समस्या को दूर करने के लिए पोर्ट प्रबंधन ने लिंडे से संपर्क किया और उन्होंने अस्पताल परिसर में एक तीन केएल (3000 लीटर) तरल ऑक्सीजन टैंक स्थापित करने की पेशकश की है। यह लगभग 20 से 30 दिनों के लिए अस्पताल की ऑक्सीजन की मांग को पूरा कर सकती है। जब भी आवश्यकता होगी, टैंक को लिंडे के तरल ऑक्सीजन टैंकरों द्वारा भरा जाएगा।
अधिकतर प्रमुख अस्पतालों में अब इस प्रणाली का पालन किया जाता है और इसलिए अब कोविड-19 संकट के बीच श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट के अध्यक्ष विनीत कुमार ने इस तरह के एक टैंक को सेंटेनरी अस्पताल में तुरंत स्थापित करने का निर्देश दिया है। पोर्ट प्रबंधन को उम्मीद है कि इस व्यवस्था से इस अस्पताल में ऑक्सीजन की समस्या को काफी हद तक हल करने में मदद मिलेगी और इस कठिन समय में रोगियों की देखभाल में बहुत जल्दी सुधार होगा।
केंद्रीय पतन, पोत परिवहन और जल मार्ग मंत्रालय के मार्गदर्शन और पोर्ट के अध्यक्ष विनीत कुमार के निर्देशन में सभी अस्पताल प्रशासन इस चुनौतीपूर्ण समय में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में पूरी तरह तैयार हैं और सभी कर्मचारी युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं।