Indo Bangladesh border: बीएसएफ ने सीमा पर दुर्लभ प्रजाति के 10 पक्षियों को तस्करी से बचाया
दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास वन्य जीवों की तस्करी को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति के 10 पक्षियों (होमिंग पिजन) को तस्करों के चंगुल से बचाया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास वन्य जीवों की तस्करी को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति के 10 पक्षियों (होमिंग पिजन) को तस्करों के चंगुल से बचाया। इन पक्षियों को सीमा चौकी दोबारपरा के सीमावर्ती इलाके से बांग्लादेश से भारत में तस्करी के उद्देश्य से लाया जा रहा था।
बीएसएफ की ओर से जारी बयान में बताया गया कि 19 जुलाई, सोमवार को प्राप्त ख़ुफ़िया सूचना पर कार्य करते हुए सीमा चौकी दोबारपारा, 158वीं वाहिनी, सेक्टर कोलकाता के जवानों ने इच्छामती नदी (अंतरराष्ट्रीय सीमा) के नजदीक एक विशेष एम्बुश लगाया।रात लगभग नौ बजे जवानों ने दो संदिग्ध व्यक्तियों (तस्कर) की हरकतें देखी जो इच्छामती नदी को क्रॉस कर भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।
जब एम्बुश पार्टी ने तस्करों को चुनौती दी, तो वे इच्छामती नदी में कूद कर वापस बांग्लादेश की तरफ भागने मे सफल रहे। जब जवानों ने इलाके की सघन तलाशी ली तो दो बड़े पिंजरे बरामद हुए जिसके अंदर 10 दुर्लभ प्रजाति के पक्षी (होमिंग पिजन) थे। बीएसएफ ने तस्करी से बचाए गए सभी पक्षियों को कस्टम कार्यालय पेट्रापोल के माध्यम से अलीपुर चिड़ियाघर, कोलकाता अलीपूर को सौंप दिया है।
इधर, 158वीं वाहिनी बीएसएफ के कमांडेंट हरेंद्र सिंह तोमर ने अपने जवानों की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की, जिसके परिणामस्वरूप दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों को तस्करी से बचाया गया। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर तैनात उनके जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है। उन्होंने आगे बताया कि महानिरीक्षक, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, बीएसएफ कोलकाता द्वारा शुरू किए गए अभियान के तहत सीमा पर होने वाले अपराधों के प्रति 'शून्य तस्करी' के संकल्प को पूरा करने के लिए उनके जवान पूरी तरह से दृढ़ और प्रतिबद्ध हैं।