West Bengal Politics : बंगाल में संघ प्रमुख ने सांगठनिक मजबूती पर दिया जोर
मिशन 2024 विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार बंगाल के दौरे पर भागवत संघ पदाधिकारियों के साथ की बैठक। आज बंगाल के प्रबुद्ध नागरिकों से भी संवाद करेंगे संघ प्रमुख। दौरे में आरएसएस के कार्यों की भी समीक्षा करेंगे। मकसद 2024 तक संघ की शाखाओं को फैलाना है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कोलकाता में संघ पदाधिकारियों के साथ सांगठनिक बैठक की। संघ प्रमुख ने इस दौरान राज्य में वार्ड तथा पंचायत स्तर पर सांगठनिक मजबूती एवं शाखाओं के विस्तार पर जोर दिया। सोमवार देर रात यहां पहुंचे भागवत 17 नवंबर तक यहां रहेंगे।
वरिष्ठ पदाधिकारियों से एक के बाद की एक बैठक
सूत्रों के अनुसार, यहां पहुंचने के बाद सुबह से ही भागवत की बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया। यहां संघ के क्षेत्रीय मुख्यालय केशव भवन में उन्होंने संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ एक के बाद एक बैठक की। जानकारी के अनुसार, इस दौरान संघ प्रमुख ने 2024 तक बंगाल के हर क्षेत्र में किस तरह संघ की शाखाओं विस्तार किया जाए इसे लेकर चर्चा की।
दौरे में आरएसएस के कार्यों की भी समीक्षा करेंगे
संघ प्रमुख बुधवार को एक बार फिर सांगठनिक बैठकों के साथ ही बंगाल के करीब 350 प्रबुद्ध नागरिकों से भी संवाद करेंगे। संघ प्रमुख इस दौरे में आरएसएस के कार्यों की भी समीक्षा करेंगे। जानकारी के मुताबिक, संघ प्रमुख का प्रबुद्ध नागरिकों के साथ ये संवाद शाम चार बजे से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगा।
मकसद 2024 तक संघ की शाखाओं को फैलाना है
माना जा रहा है कि इस संवाद में वह ग्रामीण बंगाल में दीर्घकालीन विकास से जुड़े मुद्दों पर मुख्य रूप से प्रदेश की युवा प्रतिभाओं, समाजसेवियों, वैज्ञानिकों और विभिन्न प्रतिभाओं से चर्चा करेंगे। भागवत इस दौरे में संघ की अनुषांगिक शाखाओं जैसे भाजपा, विश्व हिंदू परिषद आदि के नेताओं के साथ भी बैठक कर सकते हैं। इन सभी का मकसद 2024 तक बंगाल के कोने-कोने तक संघ की शाखाओं को फैला देना है।
बेहद महत्वपूर्ण है संघ प्रमुख का यह दौरा
तीन दिनों के बंगाल प्रवास के बाद भागवत के 17 नवंबर की देर रात ही वापस लौट जाने की बात है। गौरतलब है कि इस साल मार्च-अप्रैल में बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की बड़ी जीत के बाद भागवत की ये पहली बंगाल यात्रा है। वहीं, संघ के साथ बंगाल में अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में जुटी भाजपा के लिए भी संघ प्रमुख की इस यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल, 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आरएसएस बंगाल के सभी वार्ड में अपनी शाखा खोलना चाहता है।