मानव तस्करों की अब खैर नहीं, बीएसएफ ने गठित की एंटी- ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट

बड़ा कदम सीमा पार से मानव तस्करी रोकने के लिए पहली बार बीएसएफ में गठित की गई है एंटी- ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट प्रत्येक टीम में होंगे 11 सदस्य इंस्पेक्टर होगा टीम लीडर भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए मानव तस्करी के कार्यों में सक्रिय गिरोह व दलालों की अब खैर नहीं है।

By PRITI JHAEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 09:40 AM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 09:40 AM (IST)
मानव तस्करों की अब खैर नहीं, बीएसएफ ने गठित की एंटी- ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट
सबसे ज्यादा महिलाएं होती हैं मानव तस्करी का शिकार

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए मानव तस्करी के कार्यों में सक्रिय गिरोह व दलालों की अब खैर नहीं है। पिछले कुछ वर्षों से सीमा पार से मानव तस्करी के मामलों में काफी वृद्धि देखी जा रही है, जिसे देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर इस घिनौने अपराध को पूरी तरह रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्वी कमान के अंतर्गत 15 एंटी- ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट बनाई गई हैं।

खास बात यह है कि इसमें सबसे ज्यादा सात एंटी- ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, सीमा सुरक्षा बल, कोलकाता में बनाई गई हैं। दरअसल, बांग्लादेश से लगने वाले दक्षिण बंगाल बॉर्डर का इलाका मानव तस्करी के लिए सबसे ज्यादा कुख्यात रहा है। यह बॉर्डर इलाका दुनिया के सबसे कठिनतम बॉर्डर में से भी एक है, जिसकी सुरक्षा बेहद ही चुनौतीपूर्ण कार्य है।

बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि यह पहली बार है जब मानव तस्करी रोकने को केंद्र के निर्देश पर बीएसएफ द्वारा एंटी- ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट गठित की गई है। यह टीमें उन संवेदनशील जगहों पर निगरानी करेगी, जहां से होकर मानव तस्करी की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आई है।डीआइजी गुलेरिया ने बताया कि प्रत्येक एंटी- ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम में 11 सदस्य होंगे जिसमें इंस्पेक्टर टीम लीडर होगा। मानव तस्करी रोकने को इस टीम को उपयुक्त संसाधन व उपकरण भी मुहैया कराए गए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस पहल से मानव तस्करी रोकने में हमें काफी मदद मिलेगी।

सबसे ज्यादा महिलाएं होती हैं मानव तस्करी का शिकार

गौरतलब है कि महिलाएं और भोली- भाली लड़कियां मानव तस्करी का सर्वाधिक शिकार होती हैं। अक्सर देखा जाता है कि इस तस्करी में शामिल गिरोह व दलालों द्वारा धोखा देकर, डराकर, धमकाकर व भारत के बड़े शहरों में नौकरी का लालच देकर खासकर बांग्लादेश से गरीब व जरूरतमंद लड़कियों व महिलाओं को जोर जबरदस्ती सीमा पार करवा कर अवैध तरीके से लाया जाता है और फिर उन्हें यहां देह व्यापार जैसे धंधे में धकेल दिया जाता है। एक बार इस दलदल में फंसने के बाद उसका जीवन तबाह हो जाता है।

टीम को प्रशिक्षण देने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

वहीं, मानव तस्करी रोकने को नवगठित एंटी- ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम को इनके कामकाज के बारे में जानकारी देने के लिए 18 और 19 जनवरी को दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से कोलकाता के टैगोर विला स्थित कोलकाता सेक्टर मुख्यालय में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन डीआइजी गुलेरिया की अध्यक्षता में किया गया। इसमें बीएसएफ के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित संलाप एनजीओ से जुड़े सदस्यों के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता आदि को भी आमंत्रित किया गया था, जिन्होंने तस्करी रोकने के बारे में टीम को महत्वपूर्ण जानकारी दी।

chat bot
आपका साथी