योगी सरकार के ‘डेवलपमेंट मॉडल’ में कोलकाता कैसे? तृणमूल ने किया आरटीआई

योगी सरकार के ‘डेवलपमेंट मॉडल’ में कोलकाता आखिर कैसे आ गया ? यह जानने के लिए तृणमूल ने आरटीआई दाखिल किया है। दरअसल यह मामला रविवार को उस वक्त तूल पकड़ गया जब एक अखबार में योगी सरकार के विकास कार्य को लेकर विज्ञापन प्रकाशित हुआ था।

By Priti JhaEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 09:59 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 10:06 AM (IST)
योगी सरकार के ‘डेवलपमेंट मॉडल’ में कोलकाता कैसे? तृणमूल ने किया आरटीआई
योगी सरकार के ‘डेवलपमेंट मॉडल’ में कोलकाता कैसे? तृणमूल ने किया आरटीआई

राज्य ब्यूरो, काेलकाता। योगी सरकार के ‘डेवलपमेंट मॉडल’ में कोलकाता आखिर कैसे आ गया ? यह जानने के लिए तृणमूल ने आरटीआई दाखिल किया है। दरअसल यह मामला रविवार को उस वक्त तूल पकड़ गया जब एक अखबार में योगी सरकार के विकास कार्य को लेकर विज्ञापन प्रकाशित हुआ था। उस विज्ञापन में सराहना तो योगी सरकार के कार्यों कि की गयी थी मगर तस्वीर कोलकाता के मां फ्लाईओवर की थी जिस पर तृणमूल ने योगी सरकार को सवालों के घेरे में ले लिया।

हालांकि बाद में अखबार की तरफ से माफी मांगते हुए कहा गया कि वह उनके टीम की गलती थी। तृणमूल इस सफाई को लेकर संशय में है तथा अब आरटीआई का सहारा लेकर सच जानना चाहती है। आरटीआई में पूछा गया है कि आखिर इस विज्ञापन का दायित्व किसका था। रविवार को उस वक्त तूल पकड़ गया जब एक अखबार में योगी सरकार के विकास कार्य को लेकर विज्ञापन प्रकाशित हुआ था। उस विज्ञापन में सराहना तो योगी सरकार के कार्यों कि की गयी थी मगर तस्वीर कोलकाता के मां फ्लाईओवर की थी जिस पर तृणमूल ने योगी सरकार को सवालों के घेरे में ले लिया।

कोलकाता की तस्वीर किसी उद्देश्य से लगायी गयी थी या विज्ञापन विभाग की गलती से ऐसा हुआ। अखबार में विज्ञापन प्रकाशित होने से पहले इसका नमूना योगी सरकार के किसी बड़े अधिकारी ने देखा था कि नहीं या बगैर देखे ही विज्ञापन प्रकाशित करने की इजाजत योगी सरकार के पीआर विभाग ने दे दी?

तृणमूल सूत्रों ने बताया कि पार्टी की ओर से साकेत एस गोयल ने उत्तरप्रदेश के तथ्य व संस्कृति विभाग में इस बाबत चिट्ठी दी है। चिट्ठी में विज्ञापन से संबंधित समस्त जानकारी मांगी गयी है। मसलन विज्ञापन को लेकर क्या संधि की गयी थी, योगी टीम से इस विज्ञापन का दायित्व किसे दिया गया था। 

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