West Bengal: बंगाल में हिंसा से डरे भाजपा कार्यकर्ताओं का घर लौटना शुरू

West Bengal बंगाल में हुगली जिले के धनियाखाली विधानसभा क्षेत्र में हिंसा के डर से गांव छोड़कर भागे भाजपा कार्यकर्ताओं की घर वापसी की प्रक्रिया कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश के बाद रविवार को शुरू हो गई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 06:13 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 06:18 PM (IST)
West Bengal: बंगाल में हिंसा से डरे भाजपा कार्यकर्ताओं का घर लौटना शुरू
कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर गांव छोड़कर भागे भाजपा कार्यकर्ताओं की घर वापसी शुरू। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकता। पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के धनियाखाली विधानसभा क्षेत्र में हिंसा के डर से गांव छोड़कर भागे भाजपा कार्यकर्ताओं की घर वापसी की प्रक्रिया कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश के बाद रविवार को शुरू हो गई है। रविवार दोपहर में धनियाखाली व गुराप थाना क्षेत्र के 50 से 60 भाजपा कार्यकर्ताओं को स्थानीय प्रशासन की मदद से उन्हें वापस घर पहुंचाया गया, जो चुनाव नतीजों के बाद हिंसा के डर से भाग गए थे। घर लौटने पर कार्यकर्ताओं के साथ उनके स्वजनों ने राहत की सांस ली। गौरतलब है कि भाजपा नेता व अधिवक्ता प्रियंका टिबरेवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछले दिनों हाई कोर्ट ने हिंसा के डर से भागे भाजपा कार्यकर्ताओं की घर वापसी सुनिश्चित करने का प्रशासन को निर्देश दिया था। ‌

प्रियंका टिबरेवाल ने बताया कि धनियाखाली विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर राजनीतिक हिंसा हुई थी और इसके बाद बड़ी संख्या में यहां से भाजपा कार्यकर्ता जान बचाने के लिए घर छोड़कर भाग गए थे। हाई कोर्ट के निर्देश पर ऐसे ही 130 भाजपा कार्यकर्ताओं को स्थानीय प्रशासन की मदद से वापस घर लाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि रविवार को 50-60 भाजपा कार्यकर्ता अपने घर वापस आ गए हैं। जो अभी नही लौट पाए हैं, वे भी जल्द अपने घर लौट आएंगे। उन्होंने साथ ही अपील की कि इनके अलावा और भी जो लोग अभी घर छोड़कर बाहर रह रहे हैं, उनके घर वाले स्थानीय भाजपा मंडल में उनका नाम एवं पता लिखाएं। कोर्ट के निर्देश पर हुगली जिला पुलिस उन्हें भी घर लौटाने की व्यवस्था करेगी। उन्होंने साथ ही आरोप लगाया कि अभी भी बंगाल के कई क्षेत्रों में सत्ताधारी पार्टी के लोगों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किए जा रहे हैं। बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर जमकर राजनीति हुई थी। बंगाल में हिंसा के दौरान कईयों की मौत हो गई थी।

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