बीएसएफ की तत्परता से मुर्शिदाबाद में जलने से बचा घर, जवानों ने जान पर खेलकर बुझाई आग

एलपीजी गैस सिलेंडर के रिसाव की वजह से लगी थी आग बीएसएफ जवानों ने जान पर खेलकर बुझाई आग। जवान ना सिर्फ पूरे समर्पण के साथ सीमा की रखवाली करते हैं बल्कि सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों के दुख- सुख में भी हमेशा उनकी मदद को तत्पर रहते हैं।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 09:23 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 09:44 AM (IST)
बीएसएफ की तत्परता से मुर्शिदाबाद में जलने से बचा घर, जवानों ने जान पर खेलकर बुझाई आग
मुर्शिदाबाद जिले के सीमावर्ती गांव में आग बुझाने के बाद मौके पर बीएसएफ जवान व ग्रामीण।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान ना सिर्फ पूरे समर्पण के साथ सीमा की रखवाली करते हैं, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों के दुख- सुख में भी हमेशा उनकी मदद को तत्पर रहते हैं। इस बात को दक्षिण बंगाल सीमांत मुख्यालय अंतर्गत बीएसएफ के जवानों ने एक बार फिर सिद्ध किया है, जब बंगाल के सीमावर्ती मुर्शिदाबाद जिले के आशरिदाह गांव के एक घर को जलने से बचाया। बीएसएफ जवानों ने मानवीय मूल्यों का परिचय देते हुए अपनी जान पर खेलकर यहां एक घर में लगी आग को सफलतापूर्वक बुझाई।

यह घटना सीमा चौकी आशरिदाह, 35वीं वाहिनी के इलाके की है। एलपीजी गैस सिलेंडर के रिसाव की वजह से यहां घर में आग लग गई है। यह घटना 14 मई की है। बीएसएफ की ओर से रविवार को एक बयान में बताया गया कि जैसे ही घर में आग लगने की खबर मिली, तुरंत सीमा चौकी आशरिदाह, 35वीं वाहिनी, बीएसएफ की त्वरित प्रतिक्रिया दल घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े, जो कि लगभग 300 मीटर दूरी पर था। जवानों ने सफलता पूर्वक अग्निशामक उपकरणों के सहारे अपनी सूझबूझ तथा बहादुरी का परिचय देते हुए घर को जलने से बचाया एवं घर के सदस्यो को भी कुशलतापूर्वक बचाया। बीएसएफ ने फिर इस घटना के बारे में संबंधित अग्निशामक संस्था एवं पुलिस चौकी को भी जानकारी दी। इधर, बीएसएफ की इस कार्यशैली की ग्रामीणों ने भी जमकर प्रशंसा की। सभी ने कहा कि बीएसएफ की तत्परता के कारण जान- माल का कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

बीएसएफ कमांडेंट ने जवानों की प्रशंसा की

इधर, 35वीं वाहिनी, बीएसएफ के कार्यवाहक कमांडेंट अवनीश कुमार शर्मा ने अपने जवानों की सीमावर्ती ग्रामीणों की मदद पर प्रसन्नता व्यक्त की और उनकी पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि सीमा की रक्षा करने के साथ- साथ मानव मूल्यों के आधार पर सीमावर्ती ग्रामीणों की मदद करना भी उनका कर्तव्य है, जिससे ग्रामीणों के साथ प्रगाढ़ संबंध प्रस्थापित करने में मददगार साबित होते है। 

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