West Bengal: यौन उत्पीड़न मामले में हाई कोर्ट ने भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय, दो अन्य को दी अग्रिम जमानत

अवकाशकालीन पीठ ने अंतरिम जमानत 25 अक्टूबर तक प्रभावी रहने का आदेश देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता सबूतों के साथ न तो छेड़छाड़ करेंगे न ही किसी भी प्रकार से गवाहों को धमकाएंगे। अब यह मामला 25 अक्टूबर को उपलब्ध अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होगा।

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 11:01 AM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 11:01 AM (IST)
West Bengal: यौन उत्पीड़न मामले में हाई कोर्ट ने  भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय, दो अन्य को दी अग्रिम जमानत
यौन उत्पीड़न मामले में हाई कोर्ट ने भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय, दो अन्य को दी अग्रिम जमानत

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी के मामले में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय, जिस्नु बसु और प्रदीप जोशी को गुरुवार को अग्रिम जमानत दे दी। याचिकाकर्ताओं ने अलीपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि याचिकाकर्ताओं ने 29 नवंबर, 2018 को यहां एक अपार्टमेंट में उसके साथ दुष्कर्म किया था और मारपीट भी की थी। न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति के चंद की खंडपीठ ने गिरफ्तारी की स्थिति में, विजयवर्गीय, बसु और जोशी को 10,000 रुपये के मुचलके और समान राशि के दो जमानतदारों के साथ अंतरिम जमानत पर रिहा किये जाने का निर्देश दिया। गिरफ्तार करने वाले अधिकारी की संतुष्टि के लिए जमानतदारों में से एक को स्थानीय होना चाहिए।

अवकाशकालीन पीठ ने अंतरिम जमानत 25 अक्टूबर तक प्रभावी रहने का आदेश देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता सबूतों के साथ न तो छेड़छाड़ करेंगे, न ही किसी भी प्रकार से गवाहों को धमकाएंगे। अब यह मामला 25 अक्टूबर को उपलब्ध अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होगा।

गौरतलब है कि 20 दिसंबर, 2019 को महिला ने कथित यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत कोलकाता के सरसुना पुलिस स्टेशन और बीरभूम जिले के बोलपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।

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