दुर्गा पूजा के बाद मेडिकल कालेजों में स्पेशलिस्ट ओपीडी चालू करेगा स्वास्थ्य विभाग, बंगाल में आउटडोर भीड़ से मिलेगी राहत

बंगाल में अस्पताल में मरीजों का इलाज आउटडोर में सालों से चल रहा है लेकिन हकीकत यह है कि मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इस समस्या से बचने के लिए दुर्गा पूजा के बाद मेडिकल कालेजों में ‘स्पेशलिस्ट ओपीडी’ व्यवस्था शुरू की जाएगी।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 06:29 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 06:46 PM (IST)
दुर्गा पूजा के बाद मेडिकल कालेजों में स्पेशलिस्ट ओपीडी चालू करेगा स्वास्थ्य विभाग, बंगाल में आउटडोर भीड़ से मिलेगी राहत
दुर्गा पूजा के बाद मेडिकल कालेजों में ‘स्पेशलिस्ट ओपीडी’ व्यवस्था शुरू की जाएगी। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में अस्पताल में मरीजों का इलाज आउटडोर में सालों से चल रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। बाहर भीड़ भी बढ़ती जा रही है। इस समस्या से बचने के लिए दुर्गा पूजा के बाद मेडिकल कालेजों में ‘स्पेशलिस्ट ओपीडी’ व्यवस्था शुरू की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो यह प्रणाली सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करके रोगी सेवा को और अधिक गहन बनाएगी।

लैपटाप या डेस्कटाप पर घर के पास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लॉग इन करके विशेषज्ञों से संपर्क किया जाएगा। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मरीज की समस्या सुनकर चिकित्सक नुस्खे को ई-मेल करेंगे। प्रिस्क्रिप्शन की हार्ड कापी संबंधित स्वास्थ्य कार्यकर्ता या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की नर्स दवाओं के साथ देगी। कोविड काल के दौरान कई जगहों पर आउटडोर बंद करना पड़ा था। लाकडाउन के कारण मरीज अस्पताल नहीं आ पा रहे थे। ऐसे समय में टेलीमेडिसिन की शुरुआत स्वास्थ्य विभाग ने की थी। कोविड मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिकित्सीय दिशा-निर्देश दिए जा रहे थे।

पिछले तीन महीनों में हावड़ा और हुगली सहित उत्तर बंगाल के लगभग सभी जिलों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए हैं। यह संख्या करीब 2400 है। कम से कम चार हजार सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों या नर्सों को जोड़ा गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जब कोई मरीज आता है तो नजदीकी अस्पताल के डाक्टर से संपर्क किया जाता है। डाक्टर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मरीज से लक्षणों के बारे में बात कर प्रिस्क्रिप्शन बनाते हैं।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब तक कम से कम 10 हजार मरीजों का इस तरह इलाज किया जा चुका है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से दवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस बार व्यवस्था को और सुव्यवस्थित किया जाएगा। कोलकाता समेत सभी सरकारी मेडिकल कालेज ऐसी परिसेवा से जुड़ेंगे। इसके लिए अलग से साफ्टवेयर बनाने का काम लगभग खत्म हो चुका है।

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