West Bengal: अकाउंट हैक कर निजी कंपनी के बैंक खाते से निकाले एक करोड़ से ज्यादा रुपये

Account Hacked बैंक खाते को हैक कर नेट बैंकिंग के माध्यम से निजी कंपनी के बैंक खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाल ली गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 06:43 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 06:43 PM (IST)
West Bengal: अकाउंट हैक कर निजी कंपनी के बैंक खाते से निकाले एक करोड़ से ज्यादा रुपये
West Bengal: अकाउंट हैक कर निजी कंपनी के बैंक खाते से निकाले एक करोड़ से ज्यादा रुपये

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Account Hacked: कंपनी के बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर ने एक दिन पहले अचानक काम करना बंद कर दिया। निजी कंपनी के अधिकारी नया सिम कार्ड लेने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन इससे पहले बैंक खाते को हैक कर लिया गया और नेट बैंकिंग के माध्यम से निजी कंपनी के बैंक खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाल ली गई। हालांकि यह राशि कई चरणों में निकाली गई है। पहले तो कंपनी के अधिकारियों ने इस मामले को नहीं समझा। क्योंकि उनके मोबाइल पर कोई मैसेज नहीं आया। जब तक उन्हें पता चला, तब तक धोखेबाजों ने कंपनी के खाते से पैसा निकाल लिया और इसे राज्य के विभिन्न निवासियों के नाम से बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया। 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, धोखाधड़ी की शिकार होने वाली निजी कंपनी के प्रमुख रोहित अंचलिया ने कोलकाता के कसबा पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के अनुसार, उनकी कंपनी का राज्य के स्वामित्व वाले बैंक की राजडांगा शाखा में नकद-क्रेडिट खाता है। 29 और 30 जून, ये दो दिन उस खाते से दूसरे खाते में धन कई चरणों में स्थानांतरित किया गया है। रोहित ने जांचकर्ताओं को दावा किया कि उन्होंने किसी को भी ओटीपी या खाता पासवर्ड या कोई अन्य गोपनीय जानकारी नहीं दी है।

जांच में पता चला कि 26 जून को कंपनी के बैंक खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर अचानक 'निष्क्रिय' हो गया था। इसके बाद वे नया सिम कार्ड लेने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान आरटीजीएस के माध्यम से कई खातों में कुछ में 9 लाख, कुछ में 20 लाख रुपये स्थानांतरित किए गए हैं। इस प्रकार एक करोड़ चार लाख रुपये विभिन्न खातों में स्थानांतरित किए गए। हालांकि, कंपनी के प्रमुख रोहित ने कहा कि उन्होंने किसी को भी ओटीपी नहीं दिया।

सारा पैसा बिहार, उत्तर प्रदेश और गुजरात के विभिन्न निवासियों के बैंक खातों में जमा किया गया है। जिन लोगों के बैंक खाते में रुपये स्थानांतरित किए गए हैं रोहित उनके नामों से भी परिचित नहीं हैं। रोहित के मुताबिक, कंपनी की ओर से लिखित शिकायत दर्ज कराने के लिए जब वे बैंक गए तो खाते से पैसे निकाल लिए गए थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सिम कार्ड निष्क्रिय करने और मनी लॉन्ड्रिंग के बीच संबंध हो सकता है, क्योंकि, यदि आप नेट बैंकिंग में आरटीजीएस के माध्यम से पैसा ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो आपको पंजीकृत मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी के साथ ओटीपी देना पड़ता है। अगर जालसाज मोबाइल नंबर क्लोन करते हैं, तो ओटीपी उनके पास जाएगा। हालांकि, उस स्थिति में, जालसाज को कंपनी के नेट बैंकिंग खाते को भी हैक करना होगा। जांचकर्ता यह भी देख रहे हैं कि क्या कंपनी का कोई परिचित इसके पीछे है। 

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