West Bengal: कोरोना से मरने वालों के मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर सरकार का नया दिशानिर्देश

West Bengal स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया कि यदि किसी मरीज की मृत्यु एक रेफर के बीच में हो जाती है तो उस अस्पताल को मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करना होगा जहां उसका इलाज किया जा रहा था। रोगी के रिश्तेदारों को परेशान नहीं किया जा सकता है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 06:03 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 06:03 PM (IST)
West Bengal: कोरोना से मरने वालों के मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर सरकार का नया दिशानिर्देश
कोरोना से मरने वालों के मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर सरकार का नया दिशानिर्देश। फाइल फोटो

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। West Bengal: कोरोना से मरने वालों के मृत्यु प्रमाणपत्र को लेकर सरकार ने नया दिशानिर्देश जारी किया है। मृतक के परिजनों को रेफर के मामले में काफी परेशानी हो रही थी। एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर के दौरान कोरोना के गंभीर मरीज की मौत होने पर जिस अस्पताल से उसे रेफर किया जाता था, वह मृत्यु प्रमाणपत्र देने से इनकार कर देता था। इस तरह के मामलों में मृत्यु प्रमाणपत्र कौन जारी करेगा, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अब यह स्पष्ट कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया कि यदि किसी मरीज की मृत्यु एक रेफर के बीच में हो जाती है तो उस अस्पताल को मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करना होगा,  जहां उसका इलाज किया जा रहा था। रोगी के रिश्तेदारों को इस संबंध में परेशान नहीं किया जा सकता है। उनसे रुपये नहीं लिए जा सकते।

गौरतलब है कि मृतक के परिजनों को ऐसे मामलों में मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए काफी दौड़भाग करनी पड़ रही थी। जिस अस्पताल ने रेफर किया था, वह मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए तैयार नहीं था। उसका तर्क था कि उसने मरीज को जीवित रहते डिस्चार्ज कर दिया था। चूंकि उसके यहां मरीज की मौत नहीं हुए इसलिए वह मृत्यु प्रमाणपत्र जारी नहीं कर सकता। दूसरी ओर जिस अस्पताल में मरीज को रेफर किया जा रहा था, वह यह कहते हुए मृत्यु प्रमाणपत्र देने से इन्कार कर रहा था कि उसने मरीज का इलाज ही नहीं किया था, फिर कैसे मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर सकता है? कुछ निजी अस्पतालों पर मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के बदले रुपये लेने का भी आरोप लगा है। 

मानव सेवा को वे परम धर्म मानते हैं और इस ध्येय के साथ हर साल कोलकाता के आउट्राम घाट पर आकर ठहरने वाले गंगासागर तीर्थयात्रियों की सेवा में पूरे समर्पण भाव से जुटे रहते हैं। संयुक्त नेपाली केंद्रीय सेवा संघ के पदाधिकारियों से लेकर सदस्य-सदस्याओं तक की सेवा भावना वाकई प्रशंसनीय है। इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जहां कई संस्थाओं ने अपने सेवा शिविर नहीं लगाए, वहीं संयुक्त नेपाली केंद्रीय सेवा संघ अपना दायित्व नहीं भूला और गंगासागर जाने वाले तीर्थयात्रियों की सेवा में तन-मन-धन से लगा रहा। 

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