स्वर्णिम विजय वर्ष : कोलकाता में 26 से 29 सितंबर तक विजय सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित करेगी भारतीय सेना

1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भारतीय सेना स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मना रही है। इसी क्रम में सेना का पूर्वी कमान मुख्यालय कोलकाता में विजय सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन करने जा रहा है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 04:37 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 04:37 PM (IST)
स्वर्णिम विजय वर्ष : कोलकाता में 26 से 29 सितंबर तक विजय सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित करेगी भारतीय सेना
विजय सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित करेगी भारतीय सेना

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भारतीय सेना स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मना रही है। इसी क्रम में सेना का पूर्वी कमान मुख्यालय, कोलकाता में विजय सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन करने जा रहा है। महानगर के नंदन व रबींद्र सदन सभागार (थिएटर मंच) में 26 से 29 सितंबर तक यह महोत्सव आयोजित होगा। पूर्वी सेना कमान की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है।

इसमें कहा गया है कि इस महोत्सव के दौरान पहली बार सेना द्वारा आयोजित यह एक तरह का फिल्म महोत्सव है, जिसमें युद्ध से जुड़ी लोकप्रिय फिल्में दिखाई जाएंगी। उद्घाटन समारोह में आर्मी बैंड और एक सिविल बैंड के बीच एक नया सहयोग देखने को मिलेगा। इस कार्यक्रम के लिए एक नया रंगमंच नाटक भी तैयार किया गया है जिसे आरएसआर ग्रुप द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। अगले दिन एक राक बैंड टीम भी कार्यक्रम में प्रस्तुति देगी। बयान में कहा गया है कि पूर्वी कमान इस आयोजन से उत्साहित है और कोलकाता के लोगों के साथ इस कार्यक्रम को देखने के लिए उत्सुक है।

उल्लेखनीय है कि पूर्वी सेना कमान के नेतृत्व में ही 1971 का युद्ध लड़ा गया था।ऐसे में खासकर पूर्वी कमान के लिए इस वर्ष 1971 के युद्ध में शानदार जीत को याद करने के लिए स्वर्णिम विजय दिवस मनाने और इस युद्ध में जान गंवाने वाले सशस्त्र बलों और बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं के बलिदान को याद करने के लिए गर्व का क्षण है। बता दें कि इसी युद्ध के बाद पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया था और बांग्लादेश के रूप में एक नए देश का उदय हुआ था। 1971 में कई दिनों तक चले युद्ध के बाद भारतीय सेना के सामने पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। भारतीय सेना इसकी याद में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाती है।

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