West Bengal Politics : बंगाल में साढ़े 7 करोड़ लोगों का 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त, मुख्‍यमंत्री ममता का ऐलान

सुविधा-बीमा परियोजना के अंतर्गत 7.5 करोड़ उपभोक्ताओं को लाया गया। एक दिसंबर से स्वास्थ्य साथी परियोजना का कार्ड वितरण शुरू हो जाएगा। इसके तहत 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त होगा। राज्य सरकार की इस परियोजना के तहत महिला सशक्तीकरण का संदेश दिया गया है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 08:08 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 09:02 PM (IST)
West Bengal Politics : बंगाल में साढ़े 7 करोड़ लोगों का 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त, मुख्‍यमंत्री ममता का ऐलान
राज्य सचिवालय में मीडिया से मुखातिब ममता ने की साढे़ सात करोड़ स्वास्थ्य साथी स्मार्ट कार्ड जारी करने की घोषणा।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा परियोजना "स्वास्थ्य साथी" के लिए 7.5 करोड़ स्मार्ट कार्ड प्रकाशित करने की घोषणा की है। गुरुवार को उन्होंने राज्य सचिवालय में मीडिया से मुखातिब होकर दावा किया कि राज्य में व्यापक बीमा परियोजना के अंतर्गत 7.5 करोड़ उपभोक्ताओं को लाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विभिन्न निजी अस्पतालों में इसके जरिए इलाज की सुविधा रहेगी। 

5 लाख रुपये तक का इलाज निशुल्क होगा

-इसके तहत 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की इस परियोजना के तहत महिला सशक्तीकरण का संदेश दिया गया है क्योंकि स्वास्थ्य साथी कार्ड  महिलाओं के नाम पर जारी किया गया है। 

स्वास्थ्य साथी परियोजना कार्ड वितरण शुरू 

उन्होंने राज्य वासियों का आह्वान करते हुए कहा कि जिन लोगों का भी नाम इस बीमा परियोजना के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है वे निश्चित तौर पर अपने आप को पंजीकृत करें। उन्होंने कहा कि एक दिसंबर से स्वास्थ्य साथी परियोजना का कार्ड वितरण शुरू हो जाएगा। 

डिजिटल पहचान भी सुनिश्चित की जा सकेगी

यह स्मार्ट कार्ड है जिसके जरिए न केवल इलाज की सुविधा होगी बल्कि डिजिटल पहचान भी सुनिश्चित की जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत से ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को अलग कर लिया है। 

आयुष्मान भारत लागू करने का औचित्य नहीं 

इसे लेकर उनकी निंदा होती रही है। हालांकि मुख्यमंत्री लगातार यह कहती रही थीं कि बंगाल में पहले से ही स्वास्थ्य बीमा के लिए स्वास्थ्य साथी योजना लागू है। इसलिए आयुष्मान भारत को लागू करने का कोई औचित्य नहीं है।

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