तृणमूल में शामिल होने की अटकलों को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत के किया खारिज
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और कृष्णनगर उत्तर से विधायक मुकुल रॉय और उनके पुत्र शुभ्रांशु रॉय के तृणमूल कांग्रेस में घर वापसी के बाद अब पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी के भी तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत प्रणब मुखर्जी के पुत्र व पूर्व कांग्रेस सांसद अभिजीत मुखर्जी ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह अपने दोस्त जितिन प्रसाद की तरह कांग्रेस नहीं छोड़ रहे हैं। टेलीविजन चैनलों और कुछ समाचार पत्रों की खबरों में कहा गया था कि वह शुक्रवार की शाम तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे।
पूर्व लोकसभा सदस्य और विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष मुखर्जी ने कहा कि मैं कांग्रेस में हूं और वे खबरें सही नहीं हैं कि मैं तृणमूल या किसी अन्य पार्टी में शामिल हो रहा हूं।
हाल ही में भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद के साथ मुखर्जी के अच्छे संबंध थे, जब वे कांग्रेस संसदीय दल में सहयोगी थे। दिवंगत प्रणब मुखर्जी के भी जितिन तथा उनके पिता जितेंद्र प्रसाद के साथ अच्छे संबंधं थे। जंगीपुर संसदीय क्षेत्र से दो बार जीतने वाले मुखर्जी ने मजाकिया लहजे में कहा कि मैं अभी तृणमूल भवन से लगभग 300 किमी दूर जंगीपुर हाउस में बैठा हूं... इसलिए, जब तक कोई मुझे टेलीपोर्ट नहीं करता, मेरे लिए आज शाम किसी भी पार्टी में शामिल होना असंभव होगा।
मुखर्जी ने कहा कि शायद अटकलों को उस समय बल मिला जब उनके पिता के कुछ पूर्व कांग्रेसी सहयोगी "जो अब तृणमूल में हैं उनके यहां चाय पर आए थे। उन्होंने कहा कि उनमें जंगीपुर से सांसद खलीलुर रहमान, मुर्शिदाबाद से सांसद अबू ताहिर खान और तृणमूल के मंत्री अखरुज्जमां और सबीना यस्मीन शामिल थे।
राष्ट्रपति बनने से पहले प्रणब मुखर्जी 2004 और 2009 में दो बार जंगीपुर से निर्वाचित हुए थे। उनके द्वारा शुरू की गई कई परियोजनाएं अब लागू हो चुकी हैं। अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि एक सांसद के रूप में वह भी इनमें से कुछ परियोजनाओं से जुड़े हुए थे और राज्य के नेताओं के साथ उनकी ज्यादातर बातचीत उन परियोजनाओं के कार्यान्वयन तथा पुराने मित्रों के साथ सामान्य सामाजिक संबंधों पर आधारित थी।