तबीयत खराब होने के चलते राष्ट्रीय जांच एजेंसी की अदालत में हाजिर नहीं हुए पूर्व माओवादी नेता छत्रधर महतो

एनआइए पश्चिम मिदनापुर जिले में 2009 में राजधानी एक्सप्रेस हमले और बेहरामपुर के माकपा नेता अबीर महतो की हत्या के मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता और पुलिस अत्याचार के खिलाफ पीपुल्स कमेटी के पूर्व संयोजक (पीसीपीए) छत्रधर महतो से पूछताछ करना चाहती है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 10:46 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 10:46 PM (IST)
तबीयत खराब होने के चलते राष्ट्रीय जांच एजेंसी की अदालत में हाजिर नहीं हुए पूर्व माओवादी नेता छत्रधर महतो
तृकां नेता और पुलिस अत्याचार के खिलाफ छत्रधर महतो तबीयत खराब होने के चलते अदालत के समक्ष हाजिर नहीं हुए।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के नेता और पुलिस अत्याचार के खिलाफ पीपुल्स कमेटी के पूर्व संयोजक (पीसीपीए) छत्रधर महतो शुक्रवार को तबीयत खराब होने के चलते दो मामलों के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की अदालत के समक्ष हाजिर नहीं हुए। एनआइए पश्चिम मिदनापुर जिले में 2009 में राजधानी एक्सप्रेस हमले और बेहरामपुर के माकपा नेता अबीर महतो की हत्या के मामले में महतो से पूछताछ करना चाहती है। दरअसल एनआइए पूर्व माओवादी नेता को हिरासत में लेना चाहती है। इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी महतो से कई बार पूछताछ कर चुकी है।

बुखार होने के कारण वह 3 घंटे तक गाड़ी में बैठे रहे

आज छत्रधर महतो को कोलकाता स्थित एनआइए की अदालत में पेश होना था, लेकिन काफी ज्यादा बुखार होने के कारण वह 3 घंटे तक गाड़ी में बैठे रहे। अदालत में प्रवेश नहीं कर वह सीधा अस्पताल में भर्ती हो गए। 

तृणमूल के साथ रहने के लिए बनाया जा रहा निशाना 

जांच के बारे में बात करते हुए महतो ने कहा कि उन्हें तृणमूल के साथ रहने के लिए भाजपा द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। एक राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा कि वह अबीर महतो को नहीं जानते। माकपा नेता का घर उनके घर से लगभग 20 किमी दूर है।

गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम एक्ट के तहत भेजा जेल

दूसरी बात, राजधानी एक्सप्रेस पर हमला तब हुआ जब वह 2009 में हिरासत में थे। पूर्ववर्ती पीसीपीए नेता ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके पास इस क्षेत्र में वर्तमान में माओवादी गतिविधि के बारे में जानकारी नहीं थी। महतो को 2009 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत जेल में डाल दिया गया और 10 साल जेल में बिताने पड़े।

लैंड माइन ब्लास्ट मामले में यूएपीए तहत जेल गए थे

उन्होंने पूर्ववर्ती माकपा शासन के दौरान विद्रोह किया। राज्य में वाम शासन के दौरान, वह पश्चिम मिदनापुर जिले के सालबोनी के पास लैंड माइन ब्लास्ट के मामले में यूएपीए के तहत जेल गए थे। यह विस्फोट तब हुआ था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का काफिला जिंदल पावर प्लांट के शिलान्यास समारोह से जा रहा था। दो केंद्रीय मंत्रियों की कारें भी काफिले का हिस्सा थीं।

chat bot
आपका साथी