बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि होने के बाद बंगाल पुलिस के साथ टकराव की आशंकाओं को किया दूर

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अर्धसैनिक बल के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि होने के बाद बंगाल पुलिस के साथ टकराव की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि कानूनों को ठीक से नहीं समझने की वजह से यह आशंका पैदा हुई है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:49 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:49 PM (IST)
बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि होने के बाद बंगाल पुलिस के साथ टकराव की आशंकाओं को किया दूर
बीएसएफ आइजी अनुराग गर्ग। स्त्रोत :: इंटरनेट मीडिया

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अर्धसैनिक बल के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि होने के बाद, बंगाल पुलिस के साथ टकराव की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि कानूनों को ठीक से नहीं समझने की वजह से यह आशंका पैदा हुई है। सीमा की रक्षा करने वाले बल के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आइजी) अनुराग गर्ग ने कहा कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किए जाने से राज्य को सीमा पार अपराधों तथा घुसपैठ को रोकने में मदद मिलेगी।

गर्ग ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना उन दावों को खारिज कर दिया कि बंगाल का एक-तिहाई भूभाग बीएसएफ के नियंत्रण में चला जाएगा। उन्होंने जोर दिया कि यह गलत धारणा है कि केंद्रीय बल के पास राज्य पुलिस जैसी शक्ति होगी। उन्होंने एक न्यूज़ एजेंसी को दिए साक्षात्कार मे कहा, कुछ तबकों में यह धारणा कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि की अधिसूचना से इसका राज्य पुलिस के साथ टकराव बढ़ेगा और यह भारत के संघीय ढांचे के खिलाफ है, पूरी तरह से निराधार और शरारतपूर्ण है।

गर्ग ने कहा, वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना देश में अवैध रूप से प्रवेश करने या बाहर निकलने के लिए बीएसएफ द्वारा पकड़े गए सभी लोगों को जांच की खातिर और मानव तस्करी में शामिल संगठित गिरोहों का भंडाफोड़ करने के लिए पुलिस को ही सौंप दिया जाएगा, जैसा पहले किया जाता था।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की अधिसूचना सिर्फ पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920, पासपोर्ट अधिनियम, 1967 और दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 से संबंधित है। गर्ग ने कहा कि इस अधिसूचना का आशय बीएसएफ की जिम्मेदारी वाले क्षेत्र (एओआर) को बढ़ाना है ताकि यह अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर 50 किमी तक घुसपैठ की जांच करने के लिए पहले से मौजूद शक्तियों का प्रयोग कर सके। पहले यह सीमा 15 किलोमीटर थी।

'हस्तक्षेप की आशंका गैर-जरूरी'

इधर, बल के पूर्वी कमान के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) वाईबी खुरानिया ने भी कहा, हस्तक्षेप की आशंका गैर-जरूरी है। बीएसएफ को दी गई शक्तियां बहुत सीमित हैं। उन्होंने कहा, अब भी, जब हम छापे मारते हैं, हम राज्य पुलिस को सूचित करते हैं और उनके साथ भी होते हैं।

गौरतलब है कि बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस समेत कुछ राजनीतिक दलों और गैर सरकारी संगठनों ने आरोप लगाए हैं कि बीएसएफ की जिम्मेदारी के क्षेत्र में वृद्धि की अधिसूचना केंद्र द्वारा राज्यों के अधिकार क्षेत्र में पिछले दरवाजे से हस्तक्षेप है।

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