परिवारवाद: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के बाद भाभी काजरी बनर्जी का भी राजनीति में 'अभिषेक
भारतीय राजनीति में परिवारवाद काफी हावी है। ऐसा ही कुछ बंगाल में भी देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी के बाद अब भाभी को राजनीति में अभिषेक करा दिया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: भारतीय राजनीति में परिवारवाद काफी हावी है। ऐसा ही कुछ बंगाल में भी देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी के बाद अब भाभी को राजनीति में 'अभिषेक करा दिया। इसी के साथ बंगाल की राजनीति में ममता बनर्जी परिवार के एक और सदस्य की राजनीतिक पारी शुरू हो गई। कोलकाता नगर निगम चुनाव के लिए शुक्रवार की रात को जब तृणमूल कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की तो उसमें ममता के भाई कार्तिक बनर्जी की पत्नी काजरी बनर्जी का भी नाम था। उन्हें भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड नंबर 73 से तृणमूल का उम्मीदवार बनाया गया है।
इसके बाद शनिवार की सुबह से ही काजरी ने अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। इससे पहले इस वार्ड से रतन मालाकार ने जीत हासिल की थी। उस समय सारी संगठनात्मक जिम्मेदारियां कार्तिक बनर्जी के कंधों पर थीं। इस बार कार्तिक की पत्नी काजरी जो लंबे समय से संगठन जुड़ी हुई थीं, उन्हें टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा गया है।
सर्वप्रथम भतीजा का हुआ था सियासी पदार्पण
इससे पहले ममता ने अपने एक अन्य भाई अमित बनर्जी के पुत्र अभिषेक बनर्जी को डायमंड हार्बर संसदीय सीट से वर्ष 2014 सियासी मैदान में उतारा था। इसके बाद से वह लगातार दो दफा वहां से सांसद निर्वाचित हो चुके हैं। इस समय वह तृणमूल में नंबर दो नेता माने जाते हैं। हालांकि ममता ने अभिषेक से पहले अपने किसी पारिवारिक सदस्य को सक्रिय राजनीति में नहीं लाई थीं। उनके भाई कार्तिक पिछले दरवाजे से संगठन व अन्य सियासी कार्य करते थे। अभिषेक के बाद अब काजरी दूसरे रिश्तेदार हैं जिनका सक्रिय राजनीति में अभिषेक हुआ है।
चुनाव प्रचार करते हुए काजरी बनर्जी ने कहा कि इसी इलाके में उनके ससुर के साथ-साथ पिता का भी घर है। इस लिहाज से वह इलाके की बेटी भी हैं। हर कोई उन्हें कार्तिक बनर्जी की पत्नी और तृणमूल कार्यकर्ता के रूप में जानते हैं। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या होगा ममता की भाभी का लक्ष्य तो उन्होंने कहा कि लोगों का समग्र विकास एक मात्र लक्ष्य है। दीदी यानी ममता यही चाहती हैं।
तृणमूल के कई मंत्रियों व नेताओं के बेटे-बेटियां भी मैदान में
बता दें कि इस बार तृणमूल ने कई नेताओं के रिश्तेदारों को कोलकाता नगर निगम चुनाव में टिकट दिया है। इनमें मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के पुत्र सौरव भट्टाचार्य, नेता तारक सिंह की पुत्री कृष्णा सिंह, मंत्री शशि पांजा की पुत्री पूजा पांजा, दिवंगत मंत्री सुब्रत मुखर्जी की बहन तनिमा मुखर्जी शामिल हैं।