फर्जी आइएएस ने लगवाया कैंप, सैकड़ों लोगों के साथ सांसद मिमी चक्रवर्ती को भी लगवा दी कोरोना वैक्सीन
पुलिस ने महानगर से एक फर्जी आइएएस अफसर को गिरफ्तार किया है। फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर ठगने के मामले तो कई बार सामने आते हैं लेकिन यह मामला कुछ अलग है। क्योंकि इस जालसाज ने कोलकाता नगर निगम(केएमसी) का संयुक्त आयुक्त बनकर कोरोना वैक्सीन कार्यक्रम ही चला दिया था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: पुलिस ने महानगर से एक फर्जी आइएएस अफसर को गिरफ्तार किया है। फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर ठगने के मामले तो कई बार सामने आते हैं, लेकिन यह मामला कुछ अलग है। क्योंकि इस जालसाज ने कोलकाता नगर निगम(केएमसी) का संयुक्त आयुक्त बनकर कोरोना वैक्सीन कार्यक्रम ही चला दिया था। नीली बत्ती लगी गड़ी से चलते हुए रौब जमाने के लिए नकली आइकार्ड और दूसरे डॉक्युमेंट्स भी बनवा रखे थे। यहां तक कि इसके धोखे में महानगर से सटे जादवपुर क्षेत्र की तृणमूल सांसद और फिल्म अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती भी आ गईं और फर्जीवाड़ा का शिकार हो गईं। कोलकाता नगर निगम के नाम पर चलेे इस फर्जी आइएएस अफसर के वैक्सीनेशन ड्राइव में उन्हें भी वैक्सीन लगा दिया गया। अब पुलिस ने आयोजक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
टीका लेने के बाद मिमी को जब कोई मैसेज नहीं आया तो उनसे इस कैंप के आयोजकों ने कहा कि आप घर जाएं, मैसेज बाद में मिल जाएगा। मिमी को वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी नहीं मिला। आयोजकों से जब उन्होंने इस बारे में पूछा, तो उन्होंने फिर कहा कि आप को मैसेज और सर्टिफिकेट दोनों बाद में मिल जाएंगे। इस पर तृणमूल सांसद को संदेह हुआ। उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने नगर निगम से उक्त टीकाकरण कैंप की जानकारी मांगी। निगम ने ऐसे किसी टीकाकरण कैंप से इन्कार कर दिया। इसके बाद कसबा थाना की पुलिस ने देवांजन देव (28) को गिरफ्तार कर लिया। देवांजन देव के पिता का नाम मोनोतांजन देव है। वह कोलकाता के आनंदपुर थाना क्षेत्र के हुसैनपुर, मदुरदाहा इलाके के रहने वाला है। यही खुद को आइएएस अफसर बता रहा था।
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यह है मामला
सब इंस्पेक्टर उज्ज्वल देवनाथ की शिकायत पर देवांजन के खिलाफ कसबा थाना में 22 जून को आइपीसी की धारा 467, 468, 471, 474, 419, 420, 170 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। कसबा थाना में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि 22 जून की शाम को करीब 5:50 बजे थाना क्षेत्र के कसबा न्यू मारर्केट राजगडांगा मेन रोड स्थित यूको बैंक बिल्डिंग के प्लॉट नंबर 61, ब्लॉक ईबी107 में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा था। टीकाकरण शिविर का आयोजन कथित तौर पर कोलकाता नगर निगम की ओर से किया गया था। इसके बारे में स्थानीय थाना को कोई सूचना नहीं दी गई थी। टीका लेने के लिए काफी संख्या में लोग वहां पहुंचे थे। थाना के एसआइ उज्ज्वल देवनाथ जब मौके पर पहुंचे, तो पता चला कि कोलकाता नगर निगम के संयुक्त आयुक्त आइएएस अधिकारी देवांजन देव ने यह शिविर का आयोजन किया है।
इस संबंध में देवांजन से पूछताछ शुरू की गई, तो उसकी बातों में कुछ विसंगतियां मिली। मौके पर ही उससे पूछताछ की गयी, तो पुलिस अधिकारी को पता चला कि यह शख्स फर्जी सील-मोहर और कागजात के आधार पर लोगों को धोखा दे रहा है। उसे वहीं हिरासत में ले लिया गया।
यूको बैंक बिल्डिंग के दूसरे तल पर स्थित उसके दफ्तर से कुछ दस्तावेज बरामद किए गए। इनमें खुद को कोलकाता नगर निगम का संयुक्त आयुक्त होने का पहचान पत्र, विजिटिंग कार्ड, स्वास्थ्य भवन से करोना वैक्सीन की मांग करने वाले दस्तावेज शाामिल है।इतना ही नहीं उसके बैग से कथित तौर पर कोलकाता नगर निगम के संयुक्त आयुक्त के रूप में उसके द्वारा किए गए कार्यों की पेपर कटिंग भी मिले।
पुलिस एक नीली बत्ती लगी एक एसयूवी डब्ल्यूबी 06आर-0999 गड़ी भी मिली।
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असली या नकली था वैक्सीन जांच जारी
कोलकाता में हुए इस वैक्सीनेशन अभियान को बढ़ावा देने के लिए मिमी चक्रवर्ती न सिर्फ वहां पहुंची, बल्कि उन्होंने खुद वैक्सीन का डोज भी लिया। उनके साथ 200-250 दूसरे लोगों ने भी कार्यक्रम में कोरोना की वैक्सीन लगवाई। पुलिस हालांकि अभी कुछ सवालों का पता लगाने में जुटी है। आखिर उसने क्यों फर्जी आइएएस के तौर पर वैक्सीनेशन के इस कार्यक्रम का आयोजन करवाया? पूरे प्रशासन की नाक के नीचे वह धड़ल्ले से बिना परमीशन ये कार्यक्रम कैसे चला रहा था? सांसद मिमी चक्रवर्ती इस कार्यक्रम में कैसे पहुंच गईं? जो वैक्सीन वहां लगाया गया क्या वह असली था या फिर नकली। यदि असली था तो उसे यह वैक्सीन कहां से मिले?