जरूरत से ज्यादा आंसू बनना व नलिकाओं में रुकावट ही आंखों से पानी आने की सबसे बड़ी वजह

आंखों में किसी बाहरी चीज से प्रवेश करने पर सबसे पहले आंखों को कमरे के तापमान पर साफ पानी से अच्छी तरह धोना चाहिएआँखों को रगड़ना नहीं चाहिए। अगर ऐसा महसूस हो कि बाहरी चीज अभी भी आंखों में मौजूद है तो व्यक्ति को नेत्र-रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

By Priti JhaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 09:56 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 10:05 AM (IST)
जरूरत से ज्यादा आंसू बनना व नलिकाओं में रुकावट ही आंखों से पानी आने की सबसे बड़ी वजह
जरूरत से ज्यादा आंसू बनना व नलिकाओं में रुकावट ही आंखों से पानी आने की सबसे बड़ी वजह

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। एक निश्चित मात्रा में आंसू बनना आंखों के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे आंखों में नमी के स्तर को बरकरार रखने के साथ-साथ आंखों में जाने वाली किसी बाहरी चीज एवं धूल-कणों को हटाने में मदद मिलती है। लेकिन जरूरत से ज्यादा आंसू बनना व नलिकाओं में रुकावट ही आंखों से पानी आने की सबसे बड़ी वजह है। यह बात कोलकाता में आंखों की बीमारियों तथा उसके निदान पर आयोजित वेबिनार में डाक्टर तिशा अशोक शर्मा, सलाहकार नेत्र रोग विशेषज्ञ, डाक्टर अग्रवाल आई हॉस्पिटल, पश्चिम बंगाल, ने कही।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा जगत में, सामान्य तौर पर रोने के अलावा आंखों से ज्यादा आंसू आने को एपिफोरा कहा जाता है। यह रोग से संबंधित ​​संकेत या स्थिति है, जिसमें आंखों से कम मात्रा में टियर फिल्म का निकलना शामिल है, और इस परिस्थिति में जिसमें आंसू का बहाव नासुर की नली/ आंसु नलिकाओं के बजाय चेहरे पर होने लगता है।

छोटे बच्चों में, आंखों की नलिकाओं में रुकावट इसका सबसे सामान्य कारण है। कुछ बच्चे अविकसित नलिकाओं के साथ पैदा होते हैं, और कुछ हफ्तों में नलिकाओं के पूरी तरह विकसित होने के बाद यह रुकावट दूर हो सकती है। अगर टियर डक्ट (आंसू नलिकाएं) सिकुड़ी हुई हो या उसमें रुकावट हो, तो आंसू की थैली में आंसू जमा हो जाते हैं और इसकी वजह से संक्रमण फैलने का भी खतरा होता है। वयस्कों और बड़े बच्चों की बात की जाए, तो उनमें आंसू का अधिक उत्पादन ही इस समस्या का सबसे सामान्य कारण है।

आंखों में किसी बाहरी चीज से प्रवेश करने पर, सबसे पहले आंखों को कमरे के तापमान पर साफ पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए, और व्यक्ति को अपनी आँखों को रगड़ना नहीं चाहिए। अगर ऐसा महसूस हो कि बाहरी चीज अभी भी आंखों में मौजूद है, तो व्यक्ति को नेत्र-रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। उसे बाहर निकालने के लिए, लुब्रिकेशन हेतु कृत्रिम आंसू, तथा विशेष परिस्थितियों में एंटीबायोटिक ड्रॉप का उपयोग किया जाता है। आंखों में किसी तरह का केमिकल चले जाने पर, सबसे पहले आंखों को साफ पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए, और रोगी को तुरंत नेत्र-रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आंसुओं के निकलने के रास्ते में किसी भी तरह की चोट या रुकावट की वजह से आंखों से पानी आने की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिसके इलाज के लिए सर्जरी जरूरी है। इसके अलावा, सामान्य अथवा कैंसरयुक्त ट्यूमर, जैसे किसी लैक्रिमल ग्लैंड ट्यूमर, या परानासल साइनस के ट्यूमर भी आंखों के गंभीर सूखेपन का कारण बन सकते हैं, जिसके इलाज के लिए हमेशा सर्जरी की जरूरत होगी। 

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