West Bengal: कोरोना महामारी में ईआरपी व्यापार के विकास को रख सकता है संतुलित
कोरोना वायरस की महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था राजनीति और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव का पूर्वाकलन करना तो मुश्किल है। लेकिन ये जरूर संभव है कि व्यवस्थागत तरीके से उन संभावित क्षेत्रों की पहचान जा सकती है जिन पर इस महामारी का विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। अब ये एकदम साफ हो चुका है कि कोविड-19 महामारी का पूरी दुनिया पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। फिलहाल, यकीन के साथ ये कहना बेहद मुश्किल है कि इस वायरस का प्रकोप किस हद तक होगा। आने वाले समय में कोरोना महामारी का दुनिया पर कितना असर पड़ेगा यह कोई निश्चित तौर पर फिलहाल तो नहीं कह सकता है। ऐसे में नए कोरोना वायरस की महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, राजनीति और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव का पूर्वाकलन करना तो और भी मुश्किल है। लेकिन, आज की तारीख में ये जरूर संभव है कि व्यवस्थागत तरीके से उन संभावित क्षेत्रों की पहचान जा सकती है, जिन पर इस महामारी का विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका है।
बिजमैनवेब की सीईओ अबंति सेन के मुताबिक कोरोना महामारी में ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) व्यापार के विकास को संतुलित रख सकता है। ईआरपी यानी की । इसे सॉफ्टवेयर के युग में सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर माना जाता है। इसका सीधा सा मतलब यह है कि चाहे कोई भी व्यवसाय है, उसे मैनेज करने के लिए अलग-अलग डिपार्टमेंट के साथ डील करना पड़ता है। जैसे किसी कंपनी में प्रोडक्शन डिपार्टमेंट होता है, तो उसी कंपनी में अकाउंटिंग डिपार्टमेंट भी होता है। उसी कंपनी में सेल्स डिपार्टमेंट भी कार्य करता है, तो सपोर्ट डिपार्टमेंट भी उस कंपनी के लिए उतना ही आवश्यक होता है।
बता दें कि ईआरपी में एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से तमाम चीजें सेंट्रलाइज रूप से प्रबंधित की जाती हैं। भिन्न डिपार्टमेंट्स इसके माध्यम से इंटरनल कम्युनिकेशन भी आसानी से करते हैं और इस तरीके से कंपनी फंक्शन कर पाती है।
निरंतर रणनीतियों के साथ चलना होगा
अबंति सेन ने कहा कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में आ चुकी है। ऐसे में लगता है कि लोगों को व्यापार के लिए निरंतर रणनीतियों के साथ चलना होगा। यह वह समय है जब लोगों को डिजिटलाइजेशन पर ध्यान केंद्रित करना होगा। ऐसे में कोरोना महामारी के इस दौर में ईआरपी व्यापार के विकास को संतुलित रख सकता है। हाल के ही टेक्नावियो की रिपोर्ट के अनुसार, ईआरपी सॉफ्टवेयर का वैश्विक बाजार 2020 से 2024 तक 19.52 बिलियन अमरीकी डालर तक बढ़ने की संभावना है, जो कि इस अवधि में लगभग नौ फीसद की सीएजीआर से विकसित हो सकती है।