पर्यावरण संरक्षण: कोलकाता में शुरू रहा है देश का पहला प्लास्टिक मुक्त बाजार

दुकानदारों को मुहैया कराया जाएगा वेजिटेबल स्टार्च से बना डिग्रेडेबल बैग बाजार के आसपास रहने वाले 2300 परिवार भी करेंगे प्लास्टिक को तौबा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्लास्टिक मुक्त परिवेश तैयार करना है जो पर्यावरण संरक्षण के लिए सबसे जरूरी है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 29 Apr 2021 08:50 AM (IST) Updated:Thu, 29 Apr 2021 08:50 AM (IST)
पर्यावरण संरक्षण: कोलकाता में शुरू रहा है देश का पहला प्लास्टिक मुक्त बाजार
कोलकाता में शुरू रहा है देश का पहला प्लास्टिक मुक्त बाजार

कोलकाता, इंद्रजीत सिंह। कोलकाता के न्यूटाउन में देश का पहला प्लास्टिक मुक्त बाजार शुरू होने जा रहा है। यहां के दुकानदार प्लास्टिक कैरी बैग के बदले वेजिटेबल स्टार्च से बने डिग्रेडेबल बैग का इस्तेमाल करेंगे। इसके साथ ही बाजार के आसपास के ब्लॉकों में रहने वाले लगभग 2300 परिवार भी प्लास्टिक कैरी बैग को तौबा करेंगे।इसके बदले वह कपड़े के बैग का इस्तेमाल करेंगे। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्लास्टिक मुक्त परिवेश तैयार करना है जो पर्यावरण संरक्षण के लिए सबसे जरूरी है।

पूरी परियोजना न्यू टाउन कोलकाता डेवलपमेंट अथॉरिटी (एनकेडीए), सरकारी कंपनी वेस्ट बंगाल हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हिडको) तथा स्वैच्छिक संगठन कलकत्ता सोसाइटी फॉर कल्चरल हेरिटेज (केएससीएच) के संयुक्त तत्वावधान मेंं शुरू हो रही है। अभिनव प्लास्टिक मुक्त बाजार की परिकल्पना कोलकाता से सटे न्यूटाउन स्थित सीबी सामुदायिक बाजार से शुरू हो रही है। अगले माह से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा।

इस सिलसिले में केएससीएच के अध्यक्ष सौरभ मुखर्जी ने बताया कि पूरे बाजार में 29 दुकानदार हैं, जिन्हें केएससीएच की तरफ से प्लास्टिक बैग के विकल्प के तौर पर डिग्रेडेबल बैग, मिट्टी के कुल्हड़, कागज व कपड़े के बैग आदि मुहैया कराए जाएंगे। एनकेडीए के चेयरमैन देबाशीष सेन ने कहा कि यह देश का पहला प्लास्टिक मुक्त बाजार होगा। उन्होंने बताया कि डिग्रेडेबल बैग प्लास्टिक बैग की तुलना महंगे होते हैं। इसलिए दुकानदार इन्हें प्लास्टिक बैग की कीमत पर ही खरीदेंगे तथा इसका अतिरिक्त खर्च एनकेडीए वहन करेगा। मिसाल के तौर पर एक प्लास्टिक कैरी बैग की औसत कीमत 25 पैसे होती है, जबकि डिग्रेडेबल बैग की कीमत डेढ़ रुपये के आसपास आती है। इस बाजार के आसपास के ब्लॉकों में रहने वाले 2313 परिवारों को एनकेडीए की तरफ से रोजाना दो कपड़े के बैग मुहैया कराए जाएंगे।

प्लास्टिक मुक्त करने के लिए दो साल का लक्ष्य

केएससीएच के अध्यक्ष सौरभ मुखर्जी ने बताया कि प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले बाजार के दुकानदारों के साथ तीन महीने का सर्वेक्षण किया गया था। बाजार को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त करने के लिए दो साल का लक्ष्य रखा गया है। क्योंकि इससे पहले भी देश में प्लास्टिक मुक्त बाजार शुरू करने की पहल की गई है लेकिन वह पूरी तरह सफल नहीं हो पाई है। क्योंकि चंद दिनों के डिग्रेडेबल बैग के इस्तेमाल के बाद दुकानदार फिर से प्लास्टिक कैरी बैग का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। इसकी मुख्य वजह एक तरफ जहां लागत है, वहीं दूसरी तरफ बाजार में किसी तरह की निगरानी नहीं रहती है।

मुखर्जी ने बताया कि प्लास्टिक के उपयोग को रोकने, विकल्प प्रदान करने और बाजार की निगरानी करने के लिए केएससीएच की तरफ से रोजाना चार स्वयंसेवक दो पालियों में बाजार की निगरानी करेंगे। दो साल के भीतर एनकेडीए सब्सिडी को धीरे-धीरे समाप्त कर देगा जिससे कि दुकानदार तथा आसपास के लोग धीरे धीरे डिग्रेडेबल बैग के आदी हो जाएं। नियमित आधार पर परियोजना की निगरानी के लिए एनकेडीए और हिडको के शीर्ष अधिकारियों की एक समिति बनाई गई है। 

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