West Bengal: किडनी की समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर जोर

बहुत से लोगों में किडनी की समस्या के बारे में जागरूकता की कमी है। किडनी की समस्या एक साइलेंट किलर है इसलिए इसके गंभीर होने से पहले इसका समय पर इलाज किया जाना चाहिए। किडनी की समस्या से पेशाब बार-बार हो सकता इससे प्रोस्टेट की समस्या भी हो सकती है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 03:29 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 03:29 PM (IST)
West Bengal: किडनी की समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर जोर
किडनी की समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर जोर

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। एनजीओ कंसर्न फार कलकत्ता ने रविवार को बंगाल रोइंग क्लब में स्वास्थ्य पर एक इंटरैक्टिव कार्यक्रम का आयोजन किया। डा. ललित अग्रवाल ने किडनी की समस्या के विभिन्न कारणों और संबंधित पहलुओं और इसे कैसे हल किया, इसके बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों में किडनी की समस्या के बारे में जागरूकता की कमी है। किडनी की समस्या एक साइलेंट किलर है इसलिए इसके गंभीर होने से पहले इसका समय पर इलाज किया जाना चाहिए। डा. अग्रवाल ने कहा कि किडनी की समस्या से पेशाब बार-बार हो सकता है और इससे प्रोस्टेट की समस्या भी हो सकती है।

डा. दयानाथ मिश्रा ने किडनी ट्रांसप्लांट पर बात की। कोई करीबी रिश्तेदार या नजदीकी रिश्तेदार अपने किडनी से पीड़ित रिश्तेदार को एक किडनी उपहार में दे सकता है। कानून के मुताबिक किडनी को न तो बेचा जा सकता है और न ही खरीदा जा सकता है। यदि किसी अजनबी या तीसरे पक्ष द्वारा किडनी दान की जाती है तो राज्य सरकार से अनुमति की आवश्यकता होती है। किडनी ट्रांसप्लांट कई मामलों में सफल रहा है और जिस मरीज के शरीर में किडनी ट्रांसप्लांट की गई है, वह 10 साल से भी ज्यादा जीवित रह सकता है। किडनी दाता को आम तौर पर कोई समस्या नहीं होती है क्योंकि किडनी दाता केवल एक किडनी से ही जीवित रह सकता है।

एनजीओ की अध्यक्ष ममता बिनानी ने संगठन की विभिन्न गतिविधियों पर बात की और सभी प्रतिभागियों और अतिथि वक्ताओं का स्वागत किया। कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष नारायण जैन ने चर्चा का विषय पेश किया और बताया कि यह विषय कितना उपयोगी है क्योंकि किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। केएस अधिकारी ने वक्ताओं का परिचय दिया और अशोक पुरोहित ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। कई प्रतिभागियों ने सवाल पूछे जिनका डॉक्टरों ने अच्छा जवाब दिया। समीर दत्त, राजेंद्र खंडेलवाल, पवन पहाड़िया, प्रोद्युत बनर्जी, शिबोप्रियो चटर्जी, शशि अग्रवाल, माधव सुरेका, आरडी काकरा, प्रकाश पारख, पवन अग्रवाल, महेश सोंथालिया, सुमित बिनानी, इंद्राणी नेत्रम, अन्नपूर्णा मिश्रा, जेके शर्मा और अन्य ने सक्रिय रूप से कार्यक्रम को सफल बनाने में मदद की। 

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