West Bengal Coronavirus: बंगाल में स्टेडियम, स्कूल, लॉज व शेल्टर होम में कोविड अस्पताल बनाने पर जोर

बंगाल में स्टेडियम स्कूल लॉज व शेल्टर होम में कोविड अस्पताल बनाने पर जोर विभिन्न जिलों में स्टेडियमों लॉज स्कूलों और शेल्टर होम में 730 कोविड बेडों की व्यवस्था

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 08:00 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 08:00 AM (IST)
West Bengal Coronavirus: बंगाल में स्टेडियम, स्कूल, लॉज व शेल्टर होम में कोविड अस्पताल बनाने पर जोर
West Bengal Coronavirus: बंगाल में स्टेडियम, स्कूल, लॉज व शेल्टर होम में कोविड अस्पताल बनाने पर जोर

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में कोविड -19 के मामलों में लगातार वृद्धि को देखते हुए ममता बनर्जी सरकार ने मरीजों को समायोजित करने के लिए विभिन्न जिलों में स्टेडियमों, लॉज, स्कूलों, अकादमियों और शेल्टर होम को अस्थायी अस्पतालों में बदलना शुरू कर दिया है।

राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट के अनुसार, बंगाल में 80 अस्पताल कोविड के उपचार के लिए नामित हैं, इनमें से कम से कम सात अपरंपरागत परिसर में हैं। यह संख्या आने वाले दिनों में बढ़ने की संभावना है। वेबसाइट पर दिए विवरण के अनुसार राज्य में सरकारी अस्पतालों या अन्य सरकारी परिसरों में फिलहाल 10,840 कोविड बेड हैं।

राज्य सरकार का दावा है कि शनिवार तक इनमें से 7,929 बेड खाली हैं। इनमें लगभग 730 बेड विभिन्न स्टेडियमों, लॉज, स्कूलों और शेल्टर होम में हैं। ताजा आंकड़े के अनुसार, इन 730 बेडों में से 673 अभी भी खाली हैं। रविवार तक राज्य में 30,000 से ज्यादा पॉजिटिव मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें 906 की मौत हो चुकी है। इनमें 10,500 एक्टिव केस हैं। हालांकि, डिस्चार्ज रेट 5 जुलाई को 66.48 फीसद से गिरकर 12 जुलाई को 61.90 फीसद हो गई है।

पिछले सप्ताह के दौरान परीक्षणों (कोविड-19 जांच) की संख्या प्रतिदिन 10,000 और 11,000 के बीच बनी हुई है। राज्य में रविवार तक छह लाख से ज्यादा परीक्षण किए गए हैं। इधर, बंगाल में लगातार कोरोना के अपने चरम की ओर बढ़ने के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो राज्य की स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, रोगियों को समायोजित करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। राज्य सरकार ने जलपाईगुड़ी में विश्व बंगला क्रीड़ांगन (खेल परिसर) को 200 बेड के कोविड अस्पताल में परिवर्तित कर दिया है, जहां 177 बेड रविवार तक खाली हैं। बीरभूम में राज्य सरकार ने एक लॉज 'मधुमाता' की मांग की है, जिसमें 150 बेड खाली हैं।

दक्षिण 24 परगना जिले में जिला स्टेडियम को 55 बेड के साथ कैनिंग कोविड अस्पताल के रूप मेें नामित किया गया है, जिनमें से 36 बेड खाली हैं। उत्तर दिनाजपुर में इस्लामपुर उर्दू अकादमी को 100 बेड वाले कोविड अस्पताल में बदल दिया गया है, लेकिन वर्तमान में वहां केवल पांच रोगी हैं। झारग्राम शेल्टर होम को 75 बेड वाले कोविड अस्पताल में बदल दिया गया है, जहां सभी बिस्तर खाली हैं। मालदा में मनिचक मॉडल स्कूल अब 50 बेड वाला एक कोविड अस्पताल है, जहां 40 बेड खाली हैं।

सरकारी अस्पतालों में अधिकतर बेड हैं खाली

राज्य सरकार की कोविड नामित अस्पताल की सूची के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि राज्य भर में कुल 10,840 बेडों में से अधिकतर खाली पड़े हैं। वहीं, निजी अस्पतालों में मौजूद लगभग डेढ़ हजार कोविड बेड लगभग फुल है। इधर, कोविड बेड और बढ़ाने के सवाल पर राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोविड बेड के लिए हमें ऑक्सीजन सिलेंडर सहित कुछ मशीनों को स्थापित करने की आवश्यकता है। साथ ही उचित निगरानी और हमारे पास डॉक्टर और नर्स होना चाहिए। इसमें थोड़ा समय लगेगा। इस बीच, सरकार ने जिलों में स्कूलों और कार्यालयों को क्वारंटाइन सेंटर के रूप में भी इस्तेमाल किया है। इसके अलावा, कोलकाता में प्रतिष्ठित ईडन गार्डन्स स्टेडियम की गैलरियों को कोलकाता पुलिस के कर्मियों के लिए एक शानदार क्वारंटाइन सेंटर के रूप में बदलने की तैयारी है। 

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