बांकुड़ा में जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य समेत आठ लोग गिरफ्तार, नाबालिग लड़कियों की तस्करी व यौन शोषण का आरोप

उद्धार किये गए बच्चों में 2 नाबालिग लड़के एवं तीन नाबालिग लड़कियां शामिल हैं। बच्चों की तस्करी तथा यौन शोषण के आरोप में केंद्रीय शिक्षण संस्थान के प्राचार्य व अन्य लोगों की गिरफ्तारी से राज्य भर में हलचल मच गई है। गिरफ्तार अभियुक्तों को बांकुड़ा अदालत में पेश किया गया।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 09:42 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 09:42 AM (IST)
बांकुड़ा में जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य समेत आठ लोग गिरफ्तार, नाबालिग लड़कियों की तस्करी व यौन शोषण का आरोप
बांकुड़ा में जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य समेत आठ लोग गिरफ्तार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बांकुड़ा 1 न. ब्लॉक अंतर्गत कालपाथर इलाके में स्थित भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मत्रालय द्वारा संचालित जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य कमल कुमार राजोरिया, स्कूल की स्टाफ सुषमा शर्मा समेत 8 लोगों को बांकुड़ा पुलिस ने नाबालिग लड़कियों की तस्करी तथा यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया है। साथ ही पुलिस ने 5 बच्चों का उद्धार किया है।

उद्धार किये गए बच्चों में 2 नाबालिग लड़के एवं तीन नाबालिग लड़कियां शामिल हैं। बच्चों की तस्करी तथा यौन शोषण के आरोप में केंद्रीय शिक्षण संस्थान के प्राचार्य व अन्य लोगों की गिरफ्तारी से राज्य भर में हलचल मच गई है। गिरफ्तार अभियुक्तों को बांकुड़ा अदालत में पेश किया गया। प्राचार्य समेत 7 अभियुक्तों को 24 जुलाई तक पुलिस रिमांड में रखने एवं एक महिला अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया गया है। राज्य शिशु सुरक्षा कमेटी की चेयरपर्सन अनन्या चक्रवर्ती ने घटना को लेकर बांकुड़ा जिला अधिकारी के राधिका अय्यर से कार्रवाई को लेकर कदम उठाने की मांग की है।

सूत्रों के मुताबिक प्राचार्य कमल कुमार राजोरिया मूलतः राजस्थान के रहनेवाले हैं। करीब 4 वर्षों से वह इस स्कूल में पदस्थापित है। बांकुड़ा के एसपी धृतिमान सरकार ने कहा कि माइनर गर्ल चाइल्ड ट्रैफिकिंग तथा सेक्सुअल एक्सप्लॉइट का मामला दर्ज कर प्राचार्य समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 6 माह से 6 वर्ष तक की उम्र के 5 बच्चों को उद्धार किया गया है। पुलिस मामले की गहनतापूर्वक पड़ताल कर रही है।

वहीं दूसरी ओर अभियुक्तों के वकील रथिन दे ने कहा कि साजिश के तहत प्राचार्य व अन्य लोगों को फंसाया जा रहा है। इस स्कूल के प्रति किसी की नाराजगी के कारण संगीन आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा कि दुर्गापुर की एक असहाय गरीब महिला के बच्चे को स्कूल की एक महिला स्टाफ (निःसंतान) गोद लेना चाह रही थी। वैध दस्तावेज तैयार कर गोद लेने की प्रक्रिया के तहत कदम बढ़ाया जा रहा था, दुर्गापुर से महिला अपने परिजनों के साथ बच्चों को लेकर स्कूल आई थी। प्राचार्य केंद्रीय संस्थान के तहत कार्यरत हैं। उन्हें डेढ़ लाख रूपये वेतन मिलता है। वह शिक्षित हैं, वह इस तरह के काम क्यों करेंगे। 

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