बंगाल में मालदा डिविजन के निमतिता रेलवे स्टेशन पर बम धमाका दुर्भाग्यपूर्ण : पूर्व रेलवे
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेलवे व केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लेकिन रेलवे ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। साथ ही राज्य सरकार को जांच में पूरा सहयोग करने की पेशकश की है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में मालदा डिविजन के निमतिता रेलवे स्टेशन परिसर में बुधवार देर रात हुए बम धमाके की घटना को पूर्व रेलवे (पूरे) ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। पूरे ने एक बयान जारी कर इस घटना की कड़ी निंदा की है। पूर्व रेलवे ने इस घटना में सभी जांच कार्यों में राज्य सरकार को पूरा सहयोग करने की भी पेश-कश की है। इसके अलावा राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने इस घटना के सिलसिले में आइपीसी की धारा 307, 326 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही पूर्व रेलवे की ओर से दावा किया गया है कि निमतिता स्टेशन पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था थी। उल्लेखनीय है कि इस बम धमाके में बंगाल के श्रम राज्यमंत्री जाकिर हुसैन सहित कुल 25 लोग घायल हो गए थे। घायलों में मंत्री सहित 10 का इलाज कोलकाता में चल रहा है।
इधर, इस घटना को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेलवे व केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लेकिन रेलवे ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। साथ ही राज्य सरकार को जांच में पूरा सहयोग करने की पेशकश की है।
हमले के पीछे राजनीतिक साजिश
इधर, सूत्रों का कहना है कि इस हमले के पीछे राजनीतिक साजिश है।शुरुआती जांच में पता चला है कि यह घटना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और माकपा के बीच की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम है और यह तृणमूल कार्यकर्ताओं में आंतरिक झगड़े के कारण भी हो सकता है। इस घटना के विरोध में अराजकता की स्थिति पैदा करने से ट्रेन परिचालन भी बाधित हो सकता है और आम जनता को असुविधा हो सकती है।
ऐसे में बंगाल सरकार को राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति को कड़ा करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधी जल्द से जल्द पकड़े जाएं, ताकि क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल हो। गौरतलब है कि मंत्री जाकिर हुसैन का स्थानीय माकपा नेताओं के साथ पुरानी राजनीतिक दुश्मनी की बात सामने आ रही है।इसी को केंद्र कर इस घटना को अंजाम देने की बात कही जा रही है। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि निमतिता स्टेशन छोटा होने के कारण वहां सुरक्षा के विशेष इंतजाम नहीं थे। इसी का फायदा हमलावरों ने उठाया।