ईस्टर्न इंडिया मोशन पिक्चर एसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मांगी राहत पैकेज
वितरकों के शीर्ष संगठन ने कहा कि बंदी के दौरान बिजली शुल्क किराया बकाया सिनेमाहॉल को पुन चालू अवस्था में लाने के लिए वित्तीय मुआवजे की जरूरत है।इसके अलावा टैक्स में भी छूट की मांग की गयी है। इसके पहले भी मुख्यमंत्री ने सिनेमा हॉल प्रबंधकों को मदद की थी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोरोना महामारी के कारण पिछले दो सालों से लगातार लग रहे लॉकडाउन के कारण बंद पड़े सिनेमा हॉल से हो रहे नुकसान को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास मदद की अपील की गई है। पाबंदियों के कारण एकल स्क्रीन सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स की बढ़ी मुश्किलों के बीच ईस्टर्न इंडिया मोशन पिक्चर एसोसिएशन (ईआईएमपीए) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से राहत पैकेज की घोषणा करने की अपील की।
इम्पा ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर राज्य सरकार द्वारा महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपना समर्थन देने का वादा करते हुए सिनेमा हॉल संचालकों की परेशानियों के बारे में अवगत कराया है। पत्र में कहा गया कि पिछले साल 17 मार्च से कुछ महीनों तक और इस साल एक मई से प्रदर्शन रद होने के कारण सिनेमा हॉल संचालकों के लिए अपने कर्मचारियों को वेतन दे पाना कठिन हो गया है।
इम्पा के पदाधिकारी रतन साहा ने बताया कि हमने सरकार से तीन साल का सॉफ्ट लोन (ब्याजमुक्त या कम दर पर कर्ज) भी मुहैया कराने का अनुरोध किया है। एक पत्र में सिनेमा हॉल की स्क्रीन के अनुरुप बंदी के महीने के हिसाब से तीन साल के लिए दो लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक का ‘सॉफ्ट लोन’ मुहैया कराने का अनुरोध किया है। पत्र में दावा किया गया कि एकल पर्दे (स्क्रीन) वाले सिनेमा हॉल के संचालन पर 15 लाख रुपये लागत के साथ इसके लिए कर्ज भुगतान पर एक साल की छूट दी जाए।
वितरकों के शीर्ष संगठन ने कहा कि बंदी के दौरान बिजली शुल्क, किराया, बकाया और सिनेमा हॉल को पुन: चालू अवस्था में लाने के लिए वित्तीय मुआवजे की जरूरत है। इसके अलावा टैक्स में भी छूट की मांग की गयी है। सूत्रों ने बताया कि एक मई की पाबंदी के पहले 250 में से 120 एकल स्क्रीन सिनेमा हॉल चल रहे थे। इनके अलावा कुछ अस्थायी तौर और कुछ सिनेमा हॉल हमेशा के लिए बंद हो गए। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी मुख्यमंत्री ने सिनेमा हॉल प्रबंधकों को मदद की थी।