kolkata Metro: ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर- सियालदह में मेट्रो का काम जोरों पर

अगले साल तक परियोजना को पूरी करने का है लक्ष्य उर्वी टीबीएम जल्द शुरू करेगी लंबित बोरिंग का काम साल्टलेक सेक्टर-5 से लेकर फूलबागान मेट्रो स्टेशन तक ईस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर की परियोजना चल रही है।ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के तहत सियालदह मेट्रो स्टेशन में काम जोरों पर है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 09:11 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 09:11 AM (IST)
kolkata Metro: ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर- सियालदह में मेट्रो का काम जोरों पर
ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के तहत सियालदह मेट्रो स्टेशन में काम जोरों पर है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो।  ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के तहत सियालदह मेट्रो स्टेशन में काम जोरों पर है। कोलकाता मेट्रो रेलवे कार्पोरेशन (केएमआरसी) के सूत्रों की मानें तो अगले साल तक साल्टलेक सेक्टर-5 से सियालदह तक लोगों को मेट्रो की सौगात मिल सकती है। ऐसे में यहां परियोजना पर काफी तेज गति से काम चल रहा है। भीतरी ढांचों को बनाने के साथ ही साथ बाहरी छोर का काम भी चल रहा है। हालांकि अब भी कुछ मीटर की दूरी बाकी है, जहां कि बोरिंग का काम होना है। उर्वी बोरिंग मशीन को एक छोर पर लाया गया है, साथ ही यहां से जल्द बोरिंग के लिए इसे तैयार कर लिया जाएगा। दूसरी तरफ चंडी बोरिंग मशीन को बाहर निकालने के लिए शॉफ्ट बनाने का काम भी जारी है।

करीब 800 मीटर का बोरिंग काम है लंबित

केएमआरसीएल सूत्रों की मानें तो ईस्ट वेस्ट मेट्रो कोरिडोर परियोजना के तहत 10.9 कि.मी. में से 9.8 कि.मी. बोरिंग का काम पूरा हो चुका है। वहीं करीब 800 मीटर का काम ही बाकी है। बहूबाजार में पिछले साल एक्विफर से चंडी टीबीएम से टकराने के कारण हादसा हो गया था। इसके बाद कुछ समय तक काम प्रभावित रहा। लॉकडाउन के कारण भी कई महीने काम बंद रहा। हालांकि अब परियोजना पर तेज गति से काम चल रहा है। अब दूसरी तरफ से आ रही उर्वी बोरिंग मशीन से लंबित काम को पूरा करवाया जाएगा। इस पर काम चल रहा है।

फूलबागान तक चल रही मेट्रो

वर्तमान समय में साल्टलेक सेक्टर-5 से लेकर फूलबागान मेट्रो स्टेशन तक ईस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर की परियोजना चल रही है। इसमें फूलबागान अंडरग्राउंड मेट्रो है। इसे अगले साल अगस्त तक सियालदह तक जोड़ने का लक्ष्य है। इसके बाद परियोजना सियालदह मेट्रो स्टेशन से जुड़ जाएगी। यहां से परियोजना हावड़ा मैदान तक गंगा नदी के नीचे से होते हुए गुजरेगी। इसका लंबे समय से यात्रियों को इंतजार है। 

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