Durga Puja 2020 : दुर्गा पूजा पंडाल में आम लोगों की रोक पर आयोजकों ने हाईकोर्ट से आदेश की समीक्षा करने की लगाई गुहार

Durga Puja 2020 कलकत्ता हाईकोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडाल को आगंतुकों या दर्शन करने वालों के लिए नो-एंट्री जोन घोषित कर दिया है। इस आदेश को लेकर कोलकाता के शीर्ष 400 दुर्गा पूजा आयोजकों ने मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा का खटखटाया है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 05:46 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 05:46 PM (IST)
Durga Puja 2020 : दुर्गा पूजा पंडाल में आम लोगों की रोक पर आयोजकों ने हाईकोर्ट से आदेश की समीक्षा करने की लगाई गुहार
फोरम फॉर दुर्गोत्सव ने मंगलवार को न्यायमूर्ति संजीव बंद्योपाध्याय की पीठ से फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : दुर्गा पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक के फैसले पर बंगाल के पूजा आयोजकों ने कलकत्ता हाईकोर्ट से आदेश के पुनर्विचार की मांग की है। बताते चलें कि कल हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर दुर्गा पूजा पंडालों में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया। दूसरी ओर कुछ पूजा आयोजक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना रहे हैं। 

कोरोना संकट के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडाल को आगंतुकों या दर्शन करने वालों के लिए नो-एंट्री जोन घोषित कर दिया है। इस आदेश  को लेकर कोलकाता के शीर्ष 400 दुर्गा पूजा आयोजकों ने मंगलवार को हाईकोर्ट का दरवाजा का खटखटाया है और अपने आदेश की समीक्षा करने का आग्रह किया है। फोरम फॉर दुर्गोत्सव ने मंगलवार को न्यायमूर्ति संजीव बंद्योपाध्याय की पीठ से फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की। 

हाईकोर्ट ने  सोमवार को कहा है कि पंडाल के अंदर केवल आयोजकों को ही रहने की इजाजत होगी। कोरोना महामारी के मद्देनजर बड़े पंडालों के लिए यह संख्‍या 25 और छोटे पंडालों के लिए 15 सीमित की गई है। न्यायालय ने कहा कि सभी बड़े पंडालों को 10 मीटर की दूरी पर जबकि छोटे पंडालों को पांच मीटर की दूरी पर बैरिकेड लगाने होंगे। लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य को अहम बताते हुए अदालत ने कहा कि कोलकाता में इतनी पुलिस नहीं है कि 3000 पंडालों में श्रद्धालुओं को नियंत्रित कर सके। अदालत के फैसले पर सोमवार को तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि पूजा पंडाल को प्रवेश निषेध क्षेत्र घोषित किए जाने के फैसले से कई लोग निराश होंगे, जबकि राज्य में विपक्षी दलों ने फैसले का स्वागत किया है।

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