कोरोना के चलते इस बार भी माहेश की प्राचीन मंदिर में ही प्रभु जगन्नाथ की स्नान यात्रा संपन्न हुई
कोरोना संकट के बीच इस साल भी हुगली के श्रीरामपुर स्थित प्राचीन माहेश मंदिर में ही गुरुवार को कोरोना विधि का पालन करते हुए प्रभु जगन्नाथ की स्नान यात्रा संपन्न हुई। श्रद्धालुओं की संख्या कम होने के बावजूद भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा मंदिर प्रांगण में श्रद्धापूर्वक मनाई गई।
राज्य ब्यूरो, कोलकता : कोरोना संकट के बीच इस साल भी हुगली के श्रीरामपुर स्थित प्राचीन माहेश मंदिर में ही गुरुवार को कोरोना विधि का पालन करते हुए प्रभु जगन्नाथ की स्नान यात्रा संपन्न हुई। श्रद्धालुओं की संख्या कम होने के बावजूद भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा मंदिर प्रांगण में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। मंदिर परिसर में बनाए गए स्नान पिंड पर प्रभु जगन्नाथ, बलराम एवं सुभद्रा की मूर्ति को रखकर पुरोहितों ने प्रभु को स्नान कराया। पियाल अधिकारी ने बताया कि कोरोना को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश का पूरा पालन करते हुए प्रभु जगन्नाथ की स्नानयात्रा मंदिर परिसर में ही हुई।
28 घड़ा गंगाजल एवं डेढ़ मन दूध से प्रभु जगन्नाथ को स्नान कराया गया। स्नान के बाद जगन्नाथ, बलराम तथा सुभद्रा की विधिवत पूजा अर्चना की गई। पुरोहित का कहना है कि रथ यात्रा के दो सप्ताह पूर्व प्रभु जगन्नाथ की स्नान यात्रा मनाई जाती है। इस दिन प्रभु को स्नान करा कर कंबल में लपेट कर मंदिर में रखा जाता है।
इसके बाद रथ पूजा के दिन जगन्नाथ, बलराम एवं सुभद्रा का आलौकिक श्रृंगार करके इन्हें यहां की एतिहासिक रथ पर विराजमान करके रथोत्सव मनाया जाता है। लेकिन पिछले साल की तरह इस बार भी श्रीरामपुर जगन्नाथ मंदिर ट्रस्टी बोर्ड ने कोरोना की खातिर भगवान जगन्नाथ की 625 वर्ष प्राचीन रथयात्रा को नही निकालने का फैसला किया है। मंदिर के पुरोहित पियाल अधिकारी का कहना है कि पिछले साल की तरह इस बार 12 जुलाई को मंदिर परिसर में ही प्रभु का रथोत्सव मनाया जाएगा। मालूम हो कि कोरोना महामारी के पहले रथयात्रा के दिन माहेश में रथोत्सव देखने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ हुआ करती थी।