डॉक्टरों ने बिना ऑपरेशन किए 10 माह की बच्ची के गले में फंसे ब्लेड को निकालकर दिया नया जीवन
बच्ची ने खेलते-खेलते निगल लिया था ब्लेड बच्ची के मुंह से खून निकलना शुरू हो गया था। घर वाले उसे तुरंत कैनिंग महकमा अस्पताल ले गए। वहां ईएनटी विभाग के चिकित्सक विकास सिंह ने तुरंत बच्ची के गले का एक्सरे किया। एस्फोगोस्कॉपी करके ब्लेड को निकाला गया
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग महकमा अस्पताल के डॉक्टरों ने बिना ऑपरेशन किए 10 माह की एक बच्ची के गले में फंसे ब्लेड को निकालकर उसे नया जीवन दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कैंनिंग के ईटखोला इलाके की रहने वाली 10 माह की नामिया घरामी ने खेलते-खेलते एक ब्लेड को निगल लिया था, जो उसके गले में फस गया था।
बच्ची के मुंह से खून निकलना शुरू हो गया था। घर वाले उसे तुरंत कैनिंग महकमा अस्पताल ले गए। वहां ईएनटी विभाग के चिकित्सक विकास सिंह ने तुरंत बच्ची के गले का एक्सरे किया। एक्स-रे में पता चला कि ब्लेड सांस की नली के बिल्कुल निचले हिस्से में दाएं तरफ फंसा हुआ था। इसके बाद 'एस्फोगोस्कॉपी' करके ब्लेड को निकाला गया। ब्लड आधा टूटा हुआ था।
डॉ. सिंह ने कहा कि ब्लेड के साबुत होने पर उसे निकालने में काफी दिक्कत होती। बच्ची की हालत बिल्कुल ठीक है। घरवालों ने डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त किया है। डॉ. सिंह ने कहा-'हम बच्ची को कोलकाता के अस्पताल में रेफर कर देते तो कोरोना के इस कठिन दौर में उसके घरवालों को काफी परेशानी होती। वे इधर-उधर भटकते रहते इसलिए हमने अपने खुद से उसका इलाज करने का निर्णय लिया।
कैनिंग महकमा अस्पताल के लिए यह बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इस तरह के मामलों को आम तौर पर कोलकाता के बड़े सरकारी अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है लेकिन यहां बिना ऑपरेशन किएब्लेड को निकाला गया है, वह भी एक नाजुक जान के गले से।