Rajya Sabha Election 2020: ममता बनर्जी ने दिनेश बजाज को निर्दलीय प्रत्याशी बना खेला बड़ा दांव
Rajya Sabha Election 2020. तृणमूल के समर्थन से दिनेश बजाज ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बंगाल में राज्यसभा की पांचवीं सीट के लिए नामांकन दाखिल किया है।
जयकृष्ण वाजपेयी, कोलकाता। Rajya Sabha Election 2020. पश्चिम बंगाल विधानसभा के गलियारे में शुक्रवार की दोपहर करीब 2.58 बजे कुर्ता पैजामा पहने व्यवसायी व पूर्व तृणमूल विधायक दिनेश बजाज लगभग दौड़ते हुए सचिव के कक्ष में पहुंचते हैं। उस वक्त तीन बजने में महज 35 सेकेंड बचा हुआ था। वे तुरंत हाथों में पकड़े नामांकन पत्र समेत अन्य दस्तावेज विधानसभा सचिव के हाथों में सौंपते हुए कहते हैं कि वे राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल कर रहे हैं। उन्हें सचिव के कक्ष की ओर दौड़ते देख पत्रकार, फोटोग्राफर व न्यूज चैनलों के कैमरामैन भी उनके पीछे-पीछे दौड़ जाते हैं। बाद में पता चला कि असल में वे तृणमूल के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में राज्यसभा की पांचवीं सीट के लिए नामांकन दाखिल किया है। इसी के साथ राज्यसभा चुनाव में नामांकन के अंतिम दिन बंगाल में सियासी लड़ाई बड़े ही नाटकीय ढंग से दिलचस्प हो गई।
वैसे तो चार सीटों पर तो कोई लड़ाई नहीं है, लेकिन पांचवीं सीट पर तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने पार्टी नेता व व्यवसायी दिनेश बजाज को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में, वह भी नामांकन का वक्त खत्म होने से महज 30 सेकेंड पहले, नामांकन करा कर बड़ा दांव खेल दिया। यानी ऐसा लग रहा था कि पांचवीं सीट से माकपा नेता विकास रंजन भट्टाचार्य वाममोर्चा व कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में निर्विरोध जीत जाएंगे, पर ऐसा अब नहीं होगा।
तीन दिन पहले ही नामांकन पत्र लेकर तृणमूल ने जता दी थी मंशा
वैसे तो तृणमूल की ओर से बिना किसी के नाम वाली पांचवीं सीट के लिए तीन पहले नामांकन पत्र संग्रह किए जाने के बाद से ही कयास लगने लगे थे। क्योंकि, ममता अपने चार प्रत्याशियों दिनेश त्रिवेदी, सुब्रत बक्शी, अर्पिता घोष और मौसम बेनजीर नूर के नाम की घोषणा रविवार को ही कर दी थी। बुधवार को दिनेश व सुब्रत ने नामांकन दाखिल किया था। इसके बाद गुरुवार को वाममोर्चा व कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विकास भट्टाचार्य ने नामांकन किया और शुक्रवार को नामांकन के अंतिम दिन अर्पिता घोष व मौसम नूर ने नामांकन किया। परंतु, पांचवीं सीट के लिए दिनेश बजाज को ममता उतार देंगी इसका किसी को थोड़ा भी अनुमान नहीं था।
अंतिम समय में खेला गया खेल
शुक्रवार को विधानसभा में तृणमूल के दो दिग्गज नेता पार्थ चटर्जी व सुब्रत बख्शी की विशेष बैठक चल रही थी। कुछ समय बाद देखा गया कि महानगर के जोड़ासांकों के पूर्व तृणमूल विधायक दिनेश बजाज विधानसभा में प्रवेश कर रहे हैं। दिनेश के पिता सत्यनारायण बजाज भी तृणमूल के विधायक थे। उनके निधन के बाद ही उसी सीट से तृणमूल के टिकट पर दिनेश भी विधानसभा चुनाव जीते थे। अब तृणमूल ने निर्दलीय के रूप में दिनेश को राज्यसभा भेजने के लिए मैदान में उतार दिया। दिनेश बड़े व्यवसायी हैं। ऐसे में वह अब क्या गुल खिलाते हैं यह तो 26 को पता चलेगा। राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 49 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है।
वाममोर्चा व कांग्रेस को मिलाकर उनके पास कुल 52 विधायक हैं। वहीं तृणमूल के पास अपने चार प्रत्याशियों को जीतने के बाद उनके पास करीब 40-41 विधायक और होंगे। ऐसे में प्राक्सी वोटिंग हो जाती है तो पांचवीं सीट भी तृणमूल समर्थित निर्दलीय को मिल सकती है। हालांकि भाजपा ने भी नामांकन पत्र संग्रह कर चुनाव में मोड़ देने की कोशिश की थी। परंतु, अंतिम दिन तक कोई भी प्रत्याशी नहीं दिया।