सोनिया गांधी-ममता बनर्जी की मुलाकात पर बोले दिलीप घोष- पहले ही विफल हो चुका है 'मोदी हटाओ आंदोलन'
दिलीप घोष ममता बनर्जी और सोनिया गांधी की मुलाकात पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे पहले भी ममता सोनिया और राहुल गांधी से मिल चुकी हैं।इसका क्या हुआ कांग्रेस खुद बिखर गई है। पहले भी उन्होंने मोदी को हटाने के आंदोलन शुरू किया था लोगों ने इसका परिणाम देखा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता-सोनिया की मुलाकात को महत्वहीन बताते हुए कहा कि कांग्रेस खुद खराब स्थिति में है। 2019 में सभी विपक्ष दलों ने एकजुट होकर 'मोदी को हटाने' का एक केंद्रित प्रयास किया था, लेकिन वो विफल हो गया। इस चीज को सभी लोगों ने देखा है। पेगासस विवाद पर उन्होंने कहा कि केंद्र जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष सुनने को तैयार नहीं है।
दिलीप घोष ममता बनर्जी और सोनिया गांधी की मुलाकात पर निशाना साधते हुए कहा कि घोष ने कहा, "इससे पहले भी ममता सोनिया और राहुल गांधी से मिल चुकी हैं। इसका क्या हुआ' कांग्रेस खुद बिखर गई है। पहले भी उन्होंने 'मोदी को हटाने' के लिए एक आंदोलन शुरू किया था और लोगों ने इसका परिणाम देखा है।"
संसद में गतिरोध के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "विपक्ष महत्वहीन मुद्दों को उठा रहा है और संसद को ठप करने के लिए अराजकता करना अच्छा नहीं है।" गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर हैं। उन्होंने बुधवार को कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के साथ उनके आवास पर 45 मिनट की बैठक की, जहां उनके बेटे राहुल गांधी भी मौजूद थे।
बैठक के बाद, बनर्जी ने कहा, 'सोनिया गांधी भी विपक्ष की एकता चाहती हैं। कांग्रेस क्षेत्रीय दलों पर भरोसा करती है और क्षेत्रीय दल कांग्रेस पर भरोसा करते हैं। हम 'सच्चे दिन' देखना चाहते हैं, 'अच्छे दिन' काफी देखे।" इसके बाद सीएम ममता ने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी के साथ दिल्ली के अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। बुधवार को ममता बनर्जी ने टीएमसी सांसदों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की, जहां उन्होंने दावा किया कि 'खेला पूरे भारत में होगा'।
बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लगातार तीसरी बार जीतने के बाद ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री करना चाहती है। इसकी तैयारी टीएमसी अभी से शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ममता बनर्जी 2024 में भाजपा के खिलाफ कांग्रेस समेत कई दलों के साथ गठबंधन कर सकती है। इस गठबंधन का उद्देश्य सत्ता से बीजेपी को बाहर करना होगा।