Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही हो सकती है केंद्रीय बलों की तैनाती

Bengal Assembly Elections 2021 पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बंगाल में मतदान केंद्रों की संख्या 78603 थी जो बढ़कर 101092 हो गई है। मतदान केंद्रों के हिसाब से केंद्रीय बलों की कंपनियों को भी बढ़ाया जाएगा। इसमें 25 से 30 फीसद तक की वृद्धि की जा सकती है।

By PRITI JHAEdited By: Publish:Wed, 17 Feb 2021 03:38 PM (IST) Updated:Wed, 17 Feb 2021 04:00 PM (IST)
Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही हो सकती है केंद्रीय बलों की तैनाती
पीएम मोदी के बंगाल दौरे के बाद किसी भी दिन हो सकता है विस चुनाव की तारीखों का एलान

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Bengal Assembly Elections 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे के बाद किसी भी दिन विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो सकता है और उसके तुरंत बाद केंद्रीय बलों को सूबे में भेजा जा सकता है। सूत्रों की मानें तो 23 से 25 फरवरी के बीच चुनाव की घोषणा हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 फरवरी को बंगाल आएंगे। वे दक्षिणेश्वर-नोआपाड़ा मेट्रो परियोजना का उद्घाटन करेंगे। उसी दिन हुगली जिले के डनलप कारखाना मैदान में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव के समय बंगाल में एक माह पहले केंद्रीय बल की 28 कंपनियां पहुंची थी और संवेदनशील इलाकों में गश्त लगाई थी जबकि पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान बंगाल में 747 कंपनियों की तैनाती की गई थी। इसी तरह बंगाल में 2016 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय बल की 40 कंपनियां आई थीं जबकि पूरे विधानसभा चुनाव के दौरान 720 कंपनियों को तैनात किया गया था।

पिछला विधानसभा चुनाव सात चरणों में हुआ था। इस बार उससे ज्यादा चरणों में चुनाव होने की भी संभावना है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बंगाल में मतदान केंद्रों की संख्या 78,603 थी, जो इस बार बढ़कर 1,01,092 हो गई है। मतदान केंद्रों के हिसाब से केंद्रीय बल की कंपनियों को भी बढ़ाया जाएगा। जो जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक इसमें 25 से 30 फीसद तक की वृद्धि की जा सकती है।

पिछले महीने बंगाल के दौरे पर आई केंद्रीय चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर असंतोष जाहिर कर चुकी है। इस कारण भी बंगाल में केंद्रीय बल की ज्यादा कंपनियों की तैनाती की संभावना बढ़ गई है। बंगाल के साथ ही असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन आयोग का सबसे ज्यादा ध्यान नि:संदेह बंगाल पर ही है क्योंकि यहां निष्पक्ष, निर्बाध व शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराना बहुत बड़ी चुनौती है। 

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