Coronavirus: कोरोना के इलाज में वरदान साबित हुआ डेंगू!

डेंगू के कारण खून में प्लेटलेट की मात्रा कम हो जाने से रक्त नलिकाओं में नहीं जम पाए खून के थक्के जिससे आसानी से हो गया कोरोना का इलाज।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 01:44 PM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 01:44 PM (IST)
Coronavirus: कोरोना के इलाज में वरदान साबित हुआ डेंगू!
Coronavirus: कोरोना के इलाज में वरदान साबित हुआ डेंगू!

कोलकाता, राज्य ब्यूरो।  एक जानलेवा बीमारी के इलाज में दूसरी जानलेवा बीमारी वरदान साबित हुई है। कोलकाता के एमआर बांगुर अस्पताल में इस तरह का मामला सामने आया है। गत एक अगस्त को वहां दिलीप कर्मकार नामक 52 साल के व्यक्ति को कोरोना और डेंगू, दोनों से पीड़ित हालत में भर्ती कराया गया था।

डॉक्टरों को समझ नहीं आ रहा था कि पहले कोरोना का इलाज शुरू करें या फिर डेंगू का, लेकिन डेंगू के कारण ही मुश्किलें आसान होती चली गईं। कोरोना के ज्यादातर मामलों में रक्त नलिकाओं में खून के थक्के जमने शुरू हो जाते हैं। यही कोरोना से होने वाली मौतों का बड़ा कारण बनता है। चूंकि मरीज डेंगू से भी पीड़ित था इसलिए उसके खून में प्लेटलेट की मात्रा कम हो गई थी। इस कारण खून के थक्के बहुत कम जम रहे थे। यही उनके इलाज में कारगर साबित हुआ। कोरोना उनपर हावी नहीं हो पाया और उन्होंने आसानी से उसे मात दे दी।

अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि कोविड-19 में बहुत समय 'थ्रंबोसिस' होता है। लाल रक्त कणिकाओं पर कोरोना वायरस हमला करके ऐसी परिस्थितियां पैदा कर देते हैं कि रक्त नलिकाओं में खून के थक्के जमने शुरू हो जाते हैं। कोरोना के मरीजों के लिए यही सबसे बड़ी समस्या बन जाती है, जो बहुधा जानलेवा साबित होती है। इसकी वजह से फेफड़े और दिल में विभिन्न तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। इसे टालने के लिए कोरोना के मरीजों को कई बार एंटी क्वागुलेटरी दवाएं दी जाती हैं।

इस मामले में मरीज के डेंगू पीड़ित होने के कारण यह तरीका अपनाना संभव नहीं था लेकिन डेंगू ही उनके लिए वरदान साबित हो गया। मरीज को रक्तचाप की समस्या थी। जिस समय उन्हें भर्ती कराया गया था, उस समय उनका रक्तचाप 60 बाई 40 था। वे नियमित रूप से यूरिक एसिड से संबंधित दवाइयां भी ले रहे थे। चूंकि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी इसलिए क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती कराया गया था।

डॉक्टर ने आगे कहा कि डेंगू और कोरोना के बहुत से लक्षण एक जैसे होते हैं इसलिए इलाज में थोड़ी आसानी भी हुई। उनके शरीर में सिर्फ पानी चढ़ाया गया और सामान्य बुखार की दवाइयां दी गईं। इसी से काम हो गया। डेंगू के कारण उनके खून में प्लेटलेट की मात्रा बहुत कम हो गई थी, इस कारण खून के थक्के नहीं जम पाए।

अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉक्टर अरिंदम विश्वास ने कहा-'कोरोना को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं इसलिए इस मामले में भी गहन अनुसंधान की जरूरत है। मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है लेकिन उन्हें नियमित रूप से निरीक्षण में रखने की जरूरत है क्योंकि डेंगू की तुलना में कोरोना वायरस शरीर में अधिक दिनों तक रहता है।' मरीज दिलीप कर्मकार कोलकाता के प्रिंस गुलाम मोहम्मद शाह रोड इलाके के रहने वाले हैं। 

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