Kolkata Durga Puja: दुर्गा पूजा पंडालों में उमड़ी भीड़, बंगाल सरकार ने भीड़ वाले स्थानों से बचने की अपील की
कलकत्ता हाई कोर्ट ने दुर्गापूजा को लेकर नए निर्देश दिए। अदालत ने अपने पिछले निर्देश में पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थीलेकिन अब संशोधन करते कहा है कि बड़े पंडालों में एक साथ 45 व छोटे पंडालों में 10 से 15 दर्शनार्थी प्रवेश कर सकेंगे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल सरकार ने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की सलाह देते हुए कहा कि कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। राज्य में त्योहार शुरू होने से पहले ही लोगों ने बड़ी संख्या में दुर्गा पूजा पंडालों में जाना शुरू कर दिया है, जिससे संक्रमण के प्रसार को लेकर चिंता बढ़ गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर एहतियाती कदम उठाने और घर में ही त्योहार मनाने का आग्रह किया है।
विभाग ने एक परामर्श में कहा, कोविड -19 महामारी का खतरा बरकरार है और हमें त्योहार के महीनों में इससे निपटने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान हमें भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए। घर के अंदर रहना और त्योहार को आनलाइन मनाना बुद्धिमानी होगी। पिछले कुछ दिनों में कोलकाता और उसके आसपास बड़ी संख्या में लोगों को बड़े पंडालों में जाते देखा गया, हालांकि वास्तविक पूजा सोमवार से शुरू होगी।
बताते चलें कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कोरोना के प्रसार पर काबू पाने के लिए मास्क पहनने पर जोर देते हुए लोगों से पंडाल में घूमते समय पूरी सावधानी बरतने का लगातार आग्रह कर रही हैं। उन्होंने शनिवार को भी कोलकाता में 20 से अधिक दुर्गा पूजा पंडालों के उद्घाटन के मौके पर कहा कि महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है। ममता ने कहा कि मैं सभी लोगों से अपील करती हूं कि वे मास्क जरूर पहनें, भले ही उनका टीकाकरण हो गया हो। उन्होंने साफ कहा कि मास्क पहनना सभी के लिए जरूरी है।
बता दें कि दुर्गा पूजा के मद्देनजर पूरा बंगाल इस समय उत्सव के रंग में रंग गया है। दुर्गा पूजा बंगाल का सबसे प्रमुख त्योहार है। बता दें कि इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को दुर्गापूजा को लेकर नए निर्देश दिए हैं। अदालत ने अपने पिछले निर्देश में पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब उसमें संशोधन करते हुए कहा है कि बड़े पंडालों में एक साथ 45 व छोटे पंडालों में 10 से 15 दर्शनार्थी प्रवेश कर सकेंगे। न्यायाधीश इंद्र प्रसन्न मुखोपाध्याय व न्यायाधीश अनिरुद्ध बसु की खंडपीठ ने आगे कहा कि कोरोना का दोनों टीका लिया होने पर ही देवी दुर्गा को पुष्पांजलि दी जा सकेगी और सिंदूर खेला जा सकेगा। इसके साथ ही मास्क पहनना भी जरूरी होगा। जिन लोगों ने कोरोना का दोनों टीका ले लिया है, वे ही पूजा संबंधी कामकाज में शामिल हो सकेंगे।
गौरतलब है कि राज्य सरकार की तरफ से हाई कोर्ट को सूचित किया गया था कि कोरोना के हालात को देखते हुए अदालत अगर पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा देती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं होगी। उसके बाद हाईकोर्ट की तरफ से पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी लेकिन गुरुवार को मामले पर हुई सुनवाई में अदालत ने इसमें ढील दी है।