Bengal Politics: महिला कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाने पर खास जोर दे रही माकपा
माकपा के एक वर्ग का मानना है कि तृणमूल कांग्रेस की लगातार तीसरी बार प्रचंड बहुमत से जीत में उसके महिला कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है माकपा नेत्री बृंदा करात ने करीब दो दशक पहले इसपर जोर दिया था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद माकपा अब अपनी आंचलिक व जिला स्तर की समितियों में महिला कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाने पर खास ध्यान दे रही है। पार्टी के सम्मेलन में इस पर गहन विचार-विमर्श हुआ है। माकपा के एक वर्ग का मानना है कि तृणमूल कांग्रेस की लगातार तीसरी बार प्रचंड बहुमत से जीत में उसके महिला कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पार्टी उसी के मद्देनजर संगठन में महिला कायर्कर्ताओं की संख्या बढ़ाना चाहती है।
जिला नेतृत्वों को निर्देश दिया गया है कि आंचलिक व जिला स्तर की समितियों में निर्दिष्ट संख्या में महिला कार्यकर्ताओं को अनिवार्य रूप से शामिल करना होगा। माकपा के एक नेता ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहा कि तृणमूल सरकार की नीतियों व क्रियाकलापों के खिलाफ घर-घर जाकर जनमत संग्रह करने में महिलाएं बेहद प्रभावी भूमिका अदा कर सकती हैं। गौरतलब है कि माकपा नेत्री बृंदा करात ने करीब दो दशक पहले इसपर जोर दिया था।
उन्होंने हैदराबाद में हुए पार्टी सम्मेलन में पोलितब्यूरो में एक भी महिला सदस्या नहीं होने का मुद्दा उठाया था। आंचलिक समितियों के सम्मेलन की रिपोर्ट में पाया गया है कि समितियों में महिलाओं व युवाओं को शामिल करने को लेकर जो निर्देश पार्टी की तरफ से दिया गया है, बहुत से क्षेत्रों में उनका पालन नहीं किया जा रहा है। पार्टी संगठन को गतिशील रखने के लिए जो किए जाने की जरुरत है, अब उनपर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। गौरतलब है कि बंगाल की मुख्यमंत्री एक महिला हैं इसलिए भी माकपा महिला कार्यकर्ताओं की भूमिका बढ़ाने पर जोर दे रही है।