West Bengal : प्रवासी श्रमिकों व अन्य व्यक्तियों को लेकर छह श्रमिक स्पेशल ट्रेनें पहुंची हावड़ा

प्रवासी श्रमिकों अन्य व्यक्तियों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास में रेलवे देश भर में 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है। स्पेशल ट्रेनें पहुंची हावड़ा

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 09:40 AM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 09:40 AM (IST)
West Bengal : प्रवासी श्रमिकों व अन्य व्यक्तियों को लेकर छह श्रमिक स्पेशल ट्रेनें पहुंची हावड़ा
West Bengal : प्रवासी श्रमिकों व अन्य व्यक्तियों को लेकर छह श्रमिक स्पेशल ट्रेनें पहुंची हावड़ा

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पूरा देश जहां कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है, वहीं भारतीय रेलवे इस महत्वपूर्ण समय में विभिन्न जगहों पर फंसे लोगों को राहत देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए अपने निरंतर प्रयास में रेलवे राज्य सरकारों की आवश्यकता के अनुसार देश भर में 1 मई से लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है। इस पहल से देश भर में फंसे लाखों यात्रियों को अब तक लाभ मिला है। इसी कड़ी में बंगाल के विभिन्न हिस्सों में दक्षिण पूर्व रेलवे द्वारा शुक्रवार को 18 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रिसीव की गई।

दक्षिण पूर्व रेलवे की ओर से एक बयान में बताया गया कि शनिवार को 6 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें हावड़ा स्टेशन पहुंची। बताया गया कि इन ट्रेनों से यात्रा करने वाले लोगों को दक्षिण पूर्व रेलवे की ओर से भोजन व पानी भी मुहैया कराई गई। साथ ही स्टेशन पर उतरने पर सभी की स्क्रीनिंग की गई।

बयान में कहा गया कि कोविड-19 के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान श्रमिक रेलगाड़ियों के बड़े पैमाने पर संचालन के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे पूरी तरह से तैयार है। संपूर्ण मामले को विभागीय और क्षेत्रीय स्तर पर शीर्ष स्तर के रेलवे अधिकारी देख रहे हैं। राउंड द क्लॉक मॉनिटरिंग को डिवीजन और ज़ोन में स्थित नियंत्रण कार्यालयों से व्यवस्थित किया गया है।

प्रवासी श्रमिकों और अन्य यात्रियों की सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकारों के साथ भी लगातार संपर्क बनाए रखा गया है। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा के दौरान प्रवासियों को सभी उपलब्ध संसाधनों के साथ उचित देखभाल की जाती है। किसी भी परेशानी का सामना किए बिना फंसे प्रवासियों को उनके घर कस्बों में वापस लाने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं। 

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